नई दिल्ली, 18 अक्टूबर 2024, शुक्रवार। मऊ विधानसभा सीट से विधायक और मुख्तार अंसारी के बेटे अब्बास अंसारी को सुप्रीम कोर्ट से आज दो मामले में जमानत मिली है। पहला मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में उन्हें बेल मिली। इसके अलावा चित्रकूट जेल में बंद रहने के दौरान पत्नी से गैरकानूनी ढंग से मुलाकात मामले में भी सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें जमानत दी। लेकिन एक मामला अभी भी अटका है, जिसकी वजह से वह जेल से बाहर नहीं आ सकेंगे। जस्टिस एमएम सुंदरेश और जस्टिस पंकज मिथल की बेंच ने उन्हें जमानत दी। अब्बास अंसारी फिलहाल कासगंज जेल में बंद हैं।
4 नवंबर 2022 को ईडी ने मऊ से सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के विधायक अब्बास अंसारी के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग मामले में केस दर्ज किया था। अब्बास अंसारी पर आरोप है कि मेसर्स विकास कंस्ट्रक्शन नाम की फर्म मनी लॉन्ड्रिंग में सीधे तौर पर शामिल है, फर्म ने जमीनों पर कब्जा कर गोदामों को एफसीआई को किराए पर देकर 15 करोड़ रुपये से अधिक की कमाई की। कंपनी पर नाबार्ड से सवा दो करोड़ रुपये की सब्सिडी भी प्राप्त करने का आरोप है। अब्बास अंसारी को चित्रकूट जेल में अवैध मोबाइल रखने के मामले मे भी जमानत मिल गई है। उन्हें के साथ दो मामले में जमानत मिली है। जमानत देते हुए कोर्ट ने कहा कि अब्बास को जांच में सहयोग करना होगा।
सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें गैंगस्टर मामले में जमानत नहीं दी है। कोर्ट ने उन्हें हाईकोर्ट में याचिका दाखिल करने को कहा है। इस मामले में जमानत ना मिलने की वजह से वो अभी जेल में ही रहेंगे। वकील कपिल सिब्बल ने सुनवाई के दौरान अंतरित जमानत की मांग की, लेकिन कोर्ट ने उनकी मांग को ठुकरा दिया था। सुप्रीम कोर्ट ने इलाहाबाद हाईकोर्ट को निर्देश दिया कि वो गैंगस्टर मामले में जमानत याचिका पर चार हफ्ते में सुनवाई पूरी करने की कोशिश करे। वकील सिब्बल ने कहा कि अब्बास डेढ़ साल से ज्यादा समय से जेल में हैं। बता दें कि अब्बास अंसारी के खिलाफ 4 सितंबर को गैंगस्टर एक्ट लगाया गया था।