वाराणसी, 22 मई 2025, गुरुवार। वाराणसी एक बार फिर सुर्खियों में है, लेकिन इस बार वजह है एक चौंकाने वाला खुलासा। उत्तर प्रदेश ATS ने गुरुवार को वाराणसी के नवापुरा, आदमपुरा निवासी मोहम्मद तुफैल को पाकिस्तानी जासूस के रूप में गिरफ्तार किया। यह गिरफ्तारी न केवल एक व्यक्ति की कहानी है, बल्कि एक गहरे षड्यंत्र का पर्दाफाश है, जिसमें देश की सुरक्षा को खतरा पहुंचाने की साजिश रची जा रही थी।
पाकिस्तानी सेना के अफसर की पत्नी से कनेक्शन
जांच में सामने आया कि तुफैल पिछले चार महीनों से पाकिस्तान के फैसलाबाद की रहने वाली नफीसा नामक महिला के संपर्क में था। हैरानी की बात यह है कि नफीसा का पति पाकिस्तानी सेना का अफसर है। तुफैल का मोबाइल फोन जासूसी की सनसनीखेज कहानी का गवाह बना, जिसमें 600 से ज्यादा पाकिस्तानी नंबरों के साथ उसका संपर्क होने की बात सामने आई।
‘गजवा-ए-हिंद’ और शरीयत का खतरनाक एजेंडा
तुफैल की गतिविधियां यहीं तक सीमित नहीं थीं। उसने वॉट्सऐप ग्रुप्स में पाकिस्तान के प्रतिबंधित आतंकी संगठन तहरीक-ए-लब्बैक के नेता मौलाना शाद रिजवी के वीडियो शेयर किए। इन ग्रुप्स में वह ‘गजवा-ए-हिंद’, बाबरी मस्जिद का बदला लेने और भारत में शरीयत कानून लागू करने जैसे भड़काऊ मैसेज फैलाता था। इतना ही नहीं, उसने इन खतरनाक विचारों के लिए पाकिस्तानियों से समर्थन भी मांगा और वाराणसी में अपने करीबियों को इन ग्रुप्स से जोड़ने की कोशिश की।
दिल्ली से काशी तक की संवेदनशील जानकारी लीक
तुफैल की जासूसी का दायरा केवल वाराणसी तक सीमित नहीं था। उसने दिल्ली के राजघाट, जामा मस्जिद, लाल किला, निजामुद्दीन औलिया, रेलवे स्टेशन और वाराणसी के नमोघाट व ज्ञानवापी जैसे महत्वपूर्ण स्थानों की तस्वीरें और गोपनीय जानकारी पाकिस्तानी नंबरों पर भेजी। ये जानकारियां देश की सुरक्षा के लिए गंभीर खतरा पैदा कर सकती थीं। इसके अलावा, उसने वाराणसी के गोपनीय दस्तावेज भी वॉट्सऐप के जरिए साझा किए।
ATS की कार्रवाई और आगे की जांच
लखनऊ में FIR दर्ज होने के बाद ATS ने तुफैल को उसके घर से गिरफ्तार किया और उसे आदमपुर थाने ले जाया गया। इसके बाद उसे लखनऊ ले जाया गया, जहां उससे गहन पूछताछ जारी है। ATS अब यह पता लगाने में जुटी है कि तुफैल के इन ग्रुप्स से और कितने लोग जुड़े थे और उन्होंने क्या-क्या जानकारी साझा की।
देश की सुरक्षा पर सवाल
यह मामला न केवल वाराणसी, बल्कि पूरे देश के लिए एक चेतावनी है। एक आम नागरिक के रूप में दिखने वाला तुफैल जिस तरह से पाकिस्तानी सेना और आतंकी संगठनों से जुड़ा था, वह यह दर्शाता है कि देश की आंतरिक सुरक्षा को कितने सूक्ष्म स्तर पर निशाना बनाया जा रहा है। ATS की इस कार्रवाई ने एक बड़े खतरे को समय रहते रोक लिया, लेकिन सवाल यह है कि क्या ऐसे और तुफैल देश में सक्रिय हैं?