किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल की सेहत को लेकर सुप्रीम कोर्ट की चिंता, पंजाब सरकार को दिया निर्देश!
नई दिल्ली, 20 दिसंबर 2024, शुक्रवार। सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को पंजाब सरकार को निर्देश दिया कि अनशन कर रहे किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल को खनौरी बॉर्डर पर स्थित अस्थायी अस्पताल में स्थानांतरित किया जाए। इस अस्पताल में उनके स्वास्थ्य की दिन-रात निगरानी की जा सकेगी। न्यायमूर्ति सूर्यकांत और न्यायमूर्ति उज्जल भूइयां की पीठ ने पंजाब सरकार के महाधिवक्ता गुरमिंदर सिंह को 70 वर्षीय डल्लेवाल को अस्थायी अस्पताल में स्थानांतरित करने के संबंध में एक हलफनामा देने को कहा। गुरमिंदर सिंह ने पीठ को सूचित किया कि जगजीत सिंह डल्लेवाल सहयोग कर रहे हैं और गुरुवार को उनकी ईसीजी एवं खून के नमूने की जांच समेत कई जांच की गईं। उन्होंने कहा कि डल्लेवाल की स्वास्थ्य की स्थिति फिलहाल स्थिर है।
जगजीत सिंह डल्लेवाल: किसानों के हक के लिए अनशन पर बैठे किसान नेता की सेहत को लेकर सुप्रीम कोर्ट चिंतित!
जगजीत सिंह डल्लेवाल एक किसान नेता हैं जो प्रोस्टेट कैंसर से पीड़ित हैं और खनौरी बॉर्डर पर आमरण अनशन पर हैं। वह सामाजिक कार्यकर्ता अन्ना हजारे के अनुयायी हैं और लोगों के हक के लिए कई बार भूख हड़ताल की है। इस बार वह किसानों के हक के लिए अनशन कर रहे हैं। डल्लेवाल की सेहत को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने चिंता जताई है और पंजाब सरकार को उन्हें मेडिकल सहायता देने का निर्देश दिया है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि मानव जीवन आंदोलन से अधिक कीमती है।
डल्लेवाल के बेटे गुरपिंदरपाल दल्लेवाल ने बताया है कि उनके पिता ने अपनी संपत्ति अपने परिवार के सदस्यों के नाम कर दी है। उन्होंने 4.5 एकड़ जमीन अपने बेटे के नाम कर दी, दो एकड़ अपनी बहू के नाम और बाकी 10.5 एकड़ अपने पोते के नाम कर दी। डल्लेवाल लंबे अरसे से किसानों के मुद्दों पर ऐक्टिव हैं, लेकिन उनके संयुक्त किसान मोर्चे के उस धड़े से मतभेद हैं जिसने 2022 में चुनाव लड़ा था।
किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल: एक जुझारू नेता जो किसानों के हक के लिए लड़ रहे हैं!
डल्लेवाल पंजाब के मालवा क्षेत्र में एक प्रमुख किसान नेता हैं, जिन्होंने आत्महत्या से मरने वाले किसानों के लिए मुआवजे की मांग करने और भूमि अधिग्रहण के खिलाफ विरोध प्रदर्शनों में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। वह बीकेयू (एकता सिद्धूपुर) के प्रमुख हैं, जो पंजाब के 32 किसान संगठनों में से एक है जिसने संयुक्त किसान मोर्चा का गठन किया और दिल्ली आंदोलन का नेतृत्व किया। हालांकि, डल्लेवाल ने पंजाब में 2022 के विधानसभा चुनाव लड़ने के लिए एक अलग संगठन बनाने के लिए एसकेएम नेता बलबीर सिंह राजेवाल की आलोचना की और बाद में कुछ अन्य समान विचारधारा वाले किसान नेताओं के साथ मिलकर एसकेएम (गैर-राजनीतिक) का गठन किया।
सुप्रीम कोर्ट का आदेश: पंजाब सरकार डल्लेवाल को स्वास्थ्य जांच कराने के लिए राजी करे!
सुप्रीम कोर्ट ने पंजाब सरकार को निर्देश दिया है कि वह किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल को स्वास्थ्य जांच कराने के लिए राजी करे। डल्लेवाल पिछले तीन हफ़्तों से आमरण अनशन पर हैं और उनकी सेहत को लेकर चिंता जताई जा रही है। कोर्ट ने पंजाब सरकार की आलोचना की है कि उसने डल्लेवाल की चिकित्सीय जांच नहीं कराई। कोर्ट ने कहा है कि मानव जीवन आंदोलन से अधिक कीमती है और सरकार को डल्लेवाल की सेहत का ध्यान रखना चाहिए। कोर्ट ने यह भी कहा है कि सरकार को डल्लेवाल को जबरन अनशन तोड़ने के लिए मजबूर नहीं करना चाहिए। कोर्ट ने सरकार से यह भी कहा है कि वह किसानों से बातचीत जारी रखे और उनकी मांगों को सुने।
डल्लेवाल का आमरण अनशन: किसानों की मांगों को लेकर सरकार पर दबाव बढ़ा!
किसानों की मांगों को लेकर डल्लेवाल का आमरण अनशन 26 नवंबर से जारी है। उनकी मांग है कि केंद्र सरकार फसलों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) की कानूनी गारंटी दे। बता दें, संयुक्त किसान मोर्चा और किसान मजदूर मोर्चा के बैनर तले प्रदर्शन कर रहे किसानों को सुरक्षा बलों ने दिल्ली कूच करने से रोक दिया था। इसके बाद 13 फरवरी से पंजाब और हरियाणा के बीच शंभू एवं खनौरी बॉर्डर पर किसान डेरा डाले हुए हैं। किसानों की मांग है कि सरकार एमएसपी की कानूनी गारंटी दे, जिससे किसानों को अपनी उपज का सही दाम मिल सके। इसके अलावा, किसानों ने दिल्ली तक मार्च करने की घोषणा की है, जिसके बाद हरियाणा सरकार ने अंबाला-नयी दिल्ली राष्ट्रीय राजमार्ग पर अवरोधक लगा दिए थे।