नई दिल्ली, 2 जनवरी 2025, गुरुवार। गौतमबुद्ध नगर के भाजपा सांसद डॉक्टर महेश शर्मा के निर्वाचन को चुनौती देने वाली याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने बड़ा फैसला सुनाया है। सुप्रीम कोर्ट ने डॉ. महेश शर्मा, चुनाव आयोग समेत अन्य पक्षकारों को नोटिस जारी कर जवाब तलब किया है। यह याचिका बुलंदशहर की रहने वाली चुनावी उम्मीदवार गीतारानी शर्मा की है, जिनकी याचिका इलाहाबाद हाईकोर्ट ने खारिज कर दी थी।
गीतारानी शर्मा ने लोकसभा चुनाव लड़ने के लिए निर्दलीय पर्चा दाखिल किया था, लेकिन उनका पर्चा खारिज कर दिया गया था। उन्होंने पीठासीन अधिकारी पर गलत तरीके से उनका नामांकन निरस्त करने का आरोप लगाया है। सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में अगली सुनवाई 24 मार्च के बाद करने का फैसला किया है।
इस मामले में सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश संजीव खन्ना की अध्यक्षता वाली बेंच ने गीतारानी शर्मा के वकील से पूछा कि याचिका से डीएम का नाम हटाने का आदेश इलाहाबाद हाईकोर्ट ने क्यों दिया था। हालांकि, वकील ने कोई स्पष्ट जवाब नहीं दिया, जिसके बाद बेंच ने सभी पक्षकारों को नोटिस जारी किया।
गीतारानी शर्मा ने अपनी याचिका में कहा है कि उनका नामांकन गलत तरीके से निरस्त किया गया था। उन्होंने आरोप लगाया है कि पीठासीन अधिकारी ने उनके नामांकन को निरस्त करने के लिए गलत तरीके से काम किया था। उन्होंने मांग की है कि उनके नामांकन को फिर से मान्य किया जाए और डॉ. महेश शर्मा के निर्वाचन को रद्द किया जाए।