नई दिल्ली, 4 सितंबर 2025: जीएसटी परिषद ने बुधवार को अपनी महत्वपूर्ण बैठक में ऐतिहासिक निर्णय लेते हुए जीएसटी ढांचे को सरल और उपभोक्ता हितैषी बनाने की दिशा में बड़े कदम उठाए। नए सुधारों को “GST 2.0” का नाम दिया गया है, जिसके तहत टैक्स स्लैब को चार से घटाकर दो (5% और 18%) कर दिया गया है। सिन गुड्स और लग्ज़री वस्तुओं पर 40% टैक्स लागू होगा, जबकि 12% और 28% स्लैब को पूरी तरह हटा दिया जाएगा।
उपभोक्ताओं को राहत, दैनिक वस्तुएँ सस्ती
नए टैक्स ढांचे से दैनिक उपयोग की वस्तुएँ और कई इलेक्ट्रॉनिक उत्पाद सस्ते होने की उम्मीद है। विशेष रूप से, ₹2,500 तक के कपड़ों और जूते-चप्पलों पर अब केवल 5% जीएसटी लगेगा, जिससे आम उपभोक्ताओं और रिटेल व्यापारियों को सीधी राहत मिलेगी।
MSME के लिए आसान प्रक्रियाएँ
छोटे और मध्यम उद्यमों (MSME) के लिए भी सरकार ने कई सहूलियतों की घोषणा की। नॉन-रिस्की व्यवसायों को अब केवल 3 दिन में जीएसटी रजिस्ट्रेशन मिलेगा। रिटर्न दाखिल करने के लिए प्री-फिल्ड फॉर्म उपलब्ध होंगे। साथ ही, टेक्सटाइल, केमिकल्स, उर्वरक और फार्मा सेक्टर को 7 दिनों में रिफंड की सुविधा दी जाएगी।
कब से लागू होंगे बदलाव?
GST 2.0 और नई टैक्स दरें 22 सितंबर 2025 से प्रभावी होंगी। MSME रजिस्ट्रेशन और प्रक्रियागत सुधारों की तारीख जल्द घोषित की जाएगी।
पारदर्शिता और सरलता की उम्मीद
जीएसटी परिषद के इन निर्णयों को ऐतिहासिक बताते हुए विशेषज्ञों का मानना है कि इससे न केवल उपभोक्ताओं को राहत मिलेगी, बल्कि व्यापार जगत में प्रक्रियाएँ सरल होंगी और कर संग्रह में पारदर्शिता बढ़ेगी। सरकार का यह कदम अर्थव्यवस्था को और मजबूती देने की दिशा में मील का पत्थर साबित हो सकता है।