प्रयागराज, 11 जनवरी 2025, शनिवार। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने उत्तर प्रदेश सरकार को एक महत्वपूर्ण आदेश दिया है, जिसमें राज्य के सभी सरकारी डॉक्टरों की प्राइवेट प्रैक्टिस पर रोक लगाने का निर्देश दिया गया है। यह आदेश 1983 के शासनादेश के कड़ाई से पालन को सुनिश्चित करने के लिए दिया गया है, जिसमें सरकारी डॉक्टरों की प्राइवेट प्रैक्टिस पर रोक लगाई गई थी।
कोर्ट ने इस मामले पर सुनवाई करते हुए यह साफ किया कि सरकारी डॉक्टरों द्वारा मरीजों को नर्सिंग होम या प्राइवेट अस्पतालों में रेफर किया जाता है, जिससे सरकारी अस्पतालों में इलाज की स्थिति कमजोर हो जाती है और मरीजों को निजी अस्पतालों में इलाज के लिए मजबूर किया जाता है।
कोर्ट ने राज्य सरकार से इस पर कार्रवाई करने को कहा और 10 फरवरी को मामले की अगली सुनवाई तय की है। यह मामला मोतीलाल नेहरू मेडिकल कॉलेज में गुर्दा रोग विभाग के विभागाध्यक्ष प्रोफेसर डा. अरविंद गुप्ता द्वारा दायर याचिका से जुड़ा है।