मथुरा, 20 फरवरी 2025, गुरुवार। 161 साल पुराने ठाकुर बांके बिहारी मंदिर की दीवारें और फर्श कमजोर होने लगे हैं, जिसकी वजह से मंदिर के गर्भगृह का जीर्णोद्धार होने वाला है। मंदिर प्रशासक से सेवायतों ने जीर्णोद्धार की मांग की थी, जिसे मान लिया गया है। 29 फरवरी तक गर्भगृह के जीर्णोद्धार के लिए सेवायतों से सुझाव मांगे गए हैं।
मंदिर का निर्माण 1864 में हुआ था और तब से ही ठाकुर बांकेबिहारी मंदिर में भक्तों को दर्शन दे रहे हैं। मंदिर परिसर की साफ-सफाई और धुलाई दिन में दो बार होती है, लेकिन गर्भगृह में चार बार धुलाई होती है। संगमरमर के फर्श पर लगातार पानी गिरने से फर्श कमजोर हो रहा है, जिसकी वजह से मंदिर के गर्भगृह में सेवा पूजा करने वाले सेवायतों में चिंता होने लगी है।
मंदिर के गर्भगृह के जीर्णोद्धार होते वक्त ठाकुरजी गर्भगृह में दर्शन नहीं दे सकेंगे। सेवायतों का मानना है कि गर्भगृह के जीर्णोद्धार की प्रक्रिया गर्मी में सजने वाले फूल बंगला के दिनों में संभव होगी। इन दिनों में ठाकुर जी जगमोहन में विराजमान होकर सुबह और शाम भक्तों को दर्शन देते हैं, जिससे किसी तरह की कठिनाई का सामना नहीं करना पड़ेगा।