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Sunday, June 15, 2025

1 जुलाई 2025 से GST नियमों में बड़ा बदलाव: 3 साल से पुराने रिटर्न पर लगेगी रोक, विशेषज्ञों ने दी चेतावनी!

नई दिल्ली, 8 जून 2025, रविवार: आने वाला 1 जुलाई 2025 जीएसटी (गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स) के नियमों में एक बड़े बदलाव का गवाह बनेगा। गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स नेटवर्क (GSTN) ने एक महत्वपूर्ण नोटिफिकेशन जारी किया है, जिसके तहत अब कोई भी टैक्सपेयर 3 साल से पुराने जीएसटी रिटर्न दाखिल नहीं कर पाएगा। जी हां, अगर आपने मासिक या वार्षिक रिटर्न भरने में देरी की, तो आपके पास अब सिर्फ तीन साल का समय होगा, वरना मौका हमेशा के लिए खत्म!

नया नियम, नई समय सीमा

फाइनेंस एक्ट 2023 के तहत लागू इस नियम का मकसद है टैक्सपेयर्स को समय पर रिटर्न दाखिल करने के लिए प्रेरित करना और पुराने बकाये को खत्म करना। यह नियम कई तरह के रिटर्न्स पर लागू होगा, जिनमें GSTR-1 (बिक्री की जानकारी), GSTR-3B (टैक्स भुगतान), GSTR-4, GSTR-5, GSTR-5A, GSTR-6, GSTR-7, GSTR-8 और GSTR-9 (वार्षिक रिटर्न) शामिल हैं। जुलाई 2025 से जीएसटी पोर्टल पर यह नियम सख्ती से लागू हो जाएगा।

टैक्सपेयर्स के लिए जरूरी सलाह

GSTN ने साफ तौर पर कहा है, “रिटर्न दाखिल करने की समय सीमा तीन साल बाद खत्म हो जाएगी।” टैक्सपेयर्स को सलाह दी गई है कि वे जल्द से जल्द अपने रिकॉर्ड्स को दुरुस्त करें और बकाया रिटर्न तुरंत दाखिल करें। अगर आप ऐसा नहीं करते, तो भविष्य में पुराने रिटर्न दाखिल करने का कोई मौका नहीं मिलेगा।

विशेषज्ञों की चिंता: छोटी गलती, बड़ा नुकसान

इस नए नियम ने टैक्स विशेषज्ञों के माथे पर चिंता की लकीरें खींच दी हैं। उनका मानना है कि यह नियम उन लोगों के लिए मुश्किलें खड़ी कर सकता है, जो कानूनी उलझनों, तकनीकी खामियों या अनजाने में हुई देरी के कारण रिटर्न दाखिल नहीं कर पाए।

AMRG & Associates के सीनियर पार्टनर रजत मोहन ने इस बदलाव को दोधारी तलवार बताया। उन्होंने कहा, “यह कदम सिस्टम को और पारदर्शी बनाएगा और बार-बार रिटर्न दाखिल न करने वालों पर नकेल कसेगा। लेकिन जिन लोगों ने कानूनी मसलों, तकनीकी दिक्कतों या छोटी-मोटी भूल के कारण रिटर्न दाखिल नहीं किया, उनके लिए यह भारी पड़ सकता है।”

मोहन ने चेतावनी दी कि इस नियम के कारण टैक्सपेयर्स को इनपुट टैक्स क्रेडिट (ITC) का नुकसान हो सकता है। ITC वह सुविधा है, जो आपको खरीद पर चुकाए गए टैक्स को अपने टैक्स दायित्व से घटाने की अनुमति देती है। अगर रिटर्न समय पर दाखिल नहीं हुआ, तो यह आर्थिक नुकसान का सबब बन सकता है।

अब क्या करें?

विशेषज्ञों का सुझाव है कि टैक्सपेयर्स को तुरंत अपने जीएसटी रिकॉर्ड्स की जांच करनी चाहिए और बकाया रिटर्न्स को प्राथमिकता के साथ दाखिल करना चाहिए। यह नियम न केवल अनुशासन को बढ़ावा देगा, बल्कि भविष्य में होने वाली परेशानियों से भी बचाएगा। तो, समय रहते कदम उठाएं, क्योंकि जुलाई 2025 के बाद पुराने रिटर्न का दरवाजा हमेशा के लिए बंद हो सकता है!

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