मुंबई, 2 जनवरी 2025, गुरुवार। महाराष्ट्र के गढ़चिरौली में एक महत्वपूर्ण घटना घटी। मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के समक्ष 11 नक्सलियों ने आत्मसमर्पण कर दिया, जिनमें सीनियर कैडर विमला चंद्र सिदम उर्फ तारक्का भी शामिल थीं। इन नक्सलियों पर कुल 1.03 करोड़ रुपये का इनाम था, और वे सुरक्षा कर्मियों पर हमले में शामिल थे। तारक्का की कहानी विशेष रूप से दिलचस्प है। वह 38 साल से नक्सलवादी आंदोलन में शामिल थीं और दंडकारण्य जोनल कमेटी की सदस्य थीं। उनके खिलाफ 170 से अधिक गंभीर अपराध दर्ज थे, और चार राज्यों में उन पर एक करोड़ से अधिक का इनाम था।
महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने नक्सल विरोधी अभियानों में बहादुरी के लिए सी-60 कमांडो और अधिकारियों को सम्मानित किया। उन्होंने कहा कि नक्सलवादी आंदोलन में विफलता और हथियार डालने वाले नक्सलियों की संख्या में वृद्धि को देखते हुए, महाराष्ट्र जल्द ही नक्सल खतरे से मुक्त हो जाएगा।
महाराष्ट्र में नक्सलवाद का पतन: मुख्यमंत्री फडणवीस का दावा, राज्य नक्सलवाद से मुक्त होने की दिशा में आगे बढ़ रहा है
महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने इस मौके पर एक बड़ा बयान दिया है। उन्होंने कहा कि राज्य नक्सलवाद से मुक्त होने की दिशा में आगे बढ़ रहा है। इसके पीछे की बड़ी वजह यह है कि नक्सली पुलिस के सामने आत्मसमर्पण कर रहे हैं और नक्सली संगठन में नए लोग शामिल नहीं हो रहे हैं। मुख्यमंत्री फडणवीस ने शीर्ष नक्सली काडर द्वारा हथियार डालने और आत्मसमर्पण करने के कदम का स्वागत किया है। उन्होंने दावा किया है कि गढ़चिरौली के दूरदराज इलाकों में नक्सलियों का प्रभाव खत्म हो रहा है। यह एक बड़ी उपलब्धि है, क्योंकि गढ़चिरौली को महाराष्ट्र का अंतिम जिला माना जाता है, जो राज्य की पूर्वी सीमा पर छत्तीसगढ़ बॉर्डर पर स्थित है।
महाराष्ट्र सरकार ने नक्सलवाद के खिलाफ एक बड़ा अभियान चलाया है, जिसमें कई नक्सली कमांडरों को मार गिराया गया है या उन्हें आत्मसमर्पण करने के लिए मजबूर किया गया है। यह अभियान नक्सलवाद के खिलाफ एक बड़ी जीत हासिल करने के लिए चलाया गया है। नक्सलवाद एक बड़ा खतरा है, जो देश की एकता और सुरक्षा के लिए एक बड़ा खतरा है। महाराष्ट्र सरकार के इस कदम से नक्सलवाद के खिलाफ एक बड़ी लड़ाई लड़ी जा रही है, जो देश की सुरक्षा के लिए एक बड़ी जीत हासिल करने के लिए चलाई जा रही है।