नई दिल्ली, 21 नवंबर 2024, गुरुवार। अडानी समूह पर अमेरिका में लगे रिश्वतखोरी और धोखाधड़ी के आरोपों के बाद केन्या सरकार ने बड़ा फैसला लेते हुए अडानी समूह के देश में चल रहे सभी प्रोजेक्ट्स को रद्द कर दिया है। इसमें हवाई अड्डे के विस्तार के लिए 1.8 अरब डॉलर और बिजली परियोजना के निर्माण के लिए 700 मिलियन डॉलर की महत्वपूर्ण परियोजनाएं शामिल हैं।
केन्या सरकार ने यह कदम गौतम अडानी, उनके भतीजे सागर अडानी और अन्य अधिकारियों के खिलाफ अमेरिकी अदालत के अभियोग के मद्देनजर उठाया है। आरोप है कि अडानी समूह ने अनुबंध हासिल करने के लिए कथित तौर पर रिश्वत दी, जिसमें आंध्र प्रदेश सरकार के एक वरिष्ठ अधिकारी को दी गई 1,750 करोड़ रुपये की रिश्वत भी शामिल है।
केन्या के राष्ट्रपति विलियम रूटो ने स्पष्ट किया है कि उनकी सरकार किसी भी ऐसे कॉन्ट्रैक्ट को स्वीकार नहीं करेगी जो उनकी नीतियों के खिलाफ हो। यह फैसला केन्या सरकार की ओर से भ्रष्टाचार के खिलाफ सख्त रुख को दर्शाता है।
अमेरिकी अदालत में लगाए गए आरोपों के अनुसार, अडानी समूह ने सौर ऊर्जा परियोजनाओं के ठेके हासिल करने के लिए भारतीय सरकारी अधिकारियों को रिश्वत देने का षड्यंत्र रचा। आरोप है कि इस योजना में 250 मिलियन डॉलर की रिश्वत की पेशकश की गई।
यह मामला भारत में भी चर्चा में है, जहां अडानी समूह के शेयरों में भारी गिरावट आई है और विशेषज्ञों का मानना है कि यह विवाद अडानी समूह की साख और भारतीय उद्योग जगत पर नकारात्मक प्रभाव डाल सकता है।
हालांकि, अडानी समूह ने अमेरिकी अभियोजकों द्वारा लगाए गए रिश्वतखोरी और प्रतिभूति धोखाधड़ी के आरोपों को सख्ती से खंडन किया है। समूह के चेयरमैन गौतम अडानी और अन्य प्रमुख अधिकारियों पर लगाए गए आरोपों को निराधार बताते हुए अडानी समूह ने कहा है कि वह ईमानदारी और अनुपालन के उच्चतम मानकों के साथ काम करता है। यह बयान 21 नवंबर को जारी किया गया, जिसमें अडानी समूह ने अपनी प्रतिष्ठा और विश्वास को बनाए रखने के लिए अपनी प्रतिबद्धता को दोहराया है।