मऊ, 5 जुलाई 2025: पूर्व विधायक अब्बास अंसारी को शनिवार को उस वक्त तगड़ा झटका लगा, जब अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश (गैंगस्टर/एमपी-एमएलए कोर्ट) राजीव कुमार वत्स ने हेट स्पीच मामले में उनकी अपील खारिज कर दी। इस फैसले के साथ ही अब्बास की दो साल की जेल सजा यथावत रहेगी, जिससे उनकी राजनीतिक राह और मुश्किल हो गई है।
क्या है पूरा मामला?
यह विवाद चुनाव प्रचार के दौरान दिए गए एक भड़काऊ भाषण से जुड़ा है, जिसमें अब्बास अंसारी को पहले ही दोषी ठहराया जा चुका था। सजा के खिलाफ उन्होंने अदालत में अपील दायर की थी, लेकिन शनिवार शाम 5 बजे हुई सुनवाई में कोर्ट ने उनके सभी दलीलों को खारिज कर दिया।
राजनीति में उबाल, भविष्य पर सवाल
इस फैसले ने मऊ और पूर्वांचल के राजनीतिक गलियारों में हलचल मचा दी है। विश्लेषकों का मानना है कि यह निर्णय न केवल अब्बास की छवि को नुकसान पहुंचाएगा, बल्कि आगामी चुनावी समीकरणों को भी प्रभावित कर सकता है। कोर्ट का यह कदम हेट स्पीच और चुनावी आचार संहिता के उल्लंघन पर सख्त रुख को दर्शाता है।
कानून सबसे ऊपर
एक वरिष्ठ अधिवक्ता ने कहा, “न्यायिक प्रक्रिया ने साक्ष्यों और कानून के आधार पर फैसला सुनाया है। यह स्पष्ट संदेश है कि संविधान और कानून से बड़ा कोई नहीं।”
अब्बास अंसारी के लिए यह फैसला एक बड़ा झटका है, और अब सभी की नजरें उनके अगले कदम पर टिकी हैं। क्या वे इस सजा को चुनौती देंगे या राजनीतिक रणनीति में बदलाव लाएंगे, यह देखना बाकी है।