शामली, 31 दिसंबर 2024, मंगलवार। सरकारी नौकरी पाने के लिए लोग कड़ी मेहनत करते हैं, लेकिन कुछ लोग नौकरी ज्वॉइन करने के बाद अपनी मेहनत को भूल जाते हैं और अनियमितताओं में लिप्त हो जाते हैं। कुछ लोग काम में अनियमितता करते हैं, जबकि अन्य अवैध वसूली या घूसखोरी में शामिल हो जाते हैं। ऐसे लोगों को पकड़े जाने पर सामाजिक तौर पर बेइज्जती के साथ-साथ विभागीय कार्रवाई का भी सामना करना पड़ता है। यह न केवल उनके करियर को प्रभावित करता है, बल्कि समाज में उनकी छवि को भी धूमिल करता है। उत्तर प्रदेश के शामली जिले से भी ऐसा ही एक मामला सामने आया है। यहां ड्रग इंस्पेक्टर निधि पांडे को निलंबित कर दिया गया है, जो घूस मांगते हुए एक वीडियो में कैद हुई थीं। इस वीडियो में उन्हें एक मेडिकल स्टोर पर छापा मारने के दौरान ओके रिपोर्ट लगाने के नाम पर रिश्वत मांगते हुए दिखाया गया है। यह वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद विभाग ने कार्रवाई की और उन्हें सस्पेंड कर मुख्यालय से अटैच कर दिया गया। यह निधि की पहली पोस्टिंग थी।
बता दें, वायरल वीडियो में देखा जा सकता है कि कैसे निधि पांडेय मेडिकल संचालक से कह रही हैं- ‘बार्गेनिंग न करियो, दुकान चलानी है या नहीं, अगर चलानी है तो जो पैसा बताया है निकाल। नहीं तो तेरे यहां इतनी कमियां हैं, सीधे एफआईआर होगी। अब तू खुद देख ले।’ कहा जा रहा है कि निधि पांडेय के इस तरीके के अन्य वीडियो भी सामने आए हैं, जिसके चलते केमिस्ट संगठनों में काफी आक्रोश है। पिछले काफी समय से उनके खिलाफ शिकायतें भी की जा रही थीं, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हो रही थी। अब जब शासन की तरफ से ड्रग्स इंस्पेक्टर निधि पांडेय के खिलाफ कार्रवाई हुई है तो शामली के केमिस्ट संगठनों में जश्न का माहौल है। अधिकारी की सस्पेंशन से खुश वो मंदिर में पूजा करने गए। साथ ही ढोल-नगाड़े बजाकर जश्न भी मनाया।
दूसरी ओर, वायरल वीडियो को लेकर निधि पांडेय ने कहा, जो वीडियो वायरल हो रहे हैं, वह फेक हैं। केमिस्ट संगठनों के अधिकारियों द्वारा ये फेक वीडियो बनाकर वायरल किया गया है। वीडियो में जो शख्स दिख रहा है, उसके पास लाइसेंस नहीं है। आपसी रंजिश और बैर निकालने के लिए इस तरह के वीडियो वायरल करवाए गए हैं। ये लोग सरकारी अफसरों पर गलत आरोप लगा रहे हैं। वहीं, एडीएम परमानंद झा के मुताबिक, वीडियो वायरल हो रही थी। जिलाधिकारी शामली ने जांच के लिए तीन सदस्य टीम बनाई थी। मामले की जांच में घटना सच पाई गई। दुकान मालिक अनीस अंसारी ने भी कहा कि वीडियो में वह ही हैं और उनके साथ ये घटना घटी थी। फिर जांच रिपोर्ट जिलाधिकारी शामली को भेज दी गई। जांच टीम में एसडीएम और सीएमओ भी शामिल थे।