नई दिल्ली, 7 अप्रैल 2025, सोमवार। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने रविवार को समाजवादी पार्टी के नेता और पूर्व विधायक विनय शंकर तिवारी के खिलाफ कड़ा कदम उठाते हुए उन्हें गिरफ्तार कर लिया। यह कार्रवाई तब हुई, जब ईडी ने सुबह-सुबह देश भर में फैले उनके ठिकानों पर एक साथ छापेमारी की। इस ऑपरेशन में चिल्लूपार सीट से पूर्व विधायक के साथ-साथ उनकी कंपनी के प्रबंध निदेशक (एमडी) अजीत पांडेय को भी हिरासत में लिया गया।
ईडी की यह कार्रवाई बेहद सुनियोजित और तेज थी। सुबह के शुरुआती घंटों में गोरखपुर, लखनऊ, नोएडा और मुंबई सहित देश के लगभग दस स्थानों पर जांच एजेंसी की टीमें एक साथ सक्रिय हुईं। सोमवार की सुबह तक यह छापेमारी पूरी की गई, जिसके बाद तिवारी और पांडेय को गिरफ्तार कर लिया गया। सूत्रों की मानें तो ईडी ने इस मामले में पहले ही चार्जशीट तैयार कर ली थी और अब जल्द ही दोनों को कोर्ट में पेश किया जाएगा।
क्या है मामला?
जांच के दौरान ईडी को कई चौंकाने वाले खुलासे हुए। पता चला कि विनय शंकर तिवारी की कंपनी मेसर्स गंगोत्री एंटरप्राइजेज लिमिटेड ने अपने प्रमोटरों के साथ मिलकर बैंक ऑफ इंडिया को करीब 754.24 करोड़ रुपये का भारी-भरकम नुकसान पहुंचाया। यह मामला वित्तीय अनियमितताओं और कथित धोखाधड़ी से जुड़ा हुआ है, जिसके बाद ईडी ने इस बड़ी कार्रवाई को अंजाम दिया।
सियासी हलचल तेज
विनय शंकर तिवारी समाजवादी पार्टी के एक प्रमुख नेता रहे हैं और उनकी गिरफ्तारी से सियासी गलियारों में हलचल मच गई है। यह देखना दिलचस्प होगा कि आने वाले दिनों में इस मामले का क्या असर राजनीतिक माहौल पर पड़ता है। फिलहाल, ईडी की नजर इस मामले से जुड़े अन्य पहलुओं पर भी है और जांच का दायरा बढ़ सकता है।
यह कार्रवाई न सिर्फ वित्तीय अपराधों के खिलाफ ईडी की सख्ती को दर्शाती है, बल्कि यह भी संकेत देती है कि बड़े नाम भी जांच के दायरे से बाहर नहीं हैं। अब सबकी निगाहें कोर्ट की अगली सुनवाई पर टिकी हैं, जहां इस मामले में और खुलासे होने की उम्मीद है।