कानपुर, 30 दिसंबर 2024, सोमवार। भारत रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भर भारत के नए संकल्प के साथ तेजी से आगे बढ़ रहा है। इसी क्रम में, कानपुर की आर्डनेंस फैक्ट्री (ओएफसी) ने एक बड़ी उपलब्धि हासिल की है। उन्हें इजरायली डी-30 आर्टिलरी गन के लिए 122 मिमी. के गोले बनाने का ऑर्डर मिला है। ये गोले 15 से 50 किलोमीटर की दूरी तक मार कर सकते हैं और इजरायली सेना द्वारा दुश्मनों के खिलाफ उपयोग किए जाएंगे।
ओएफसी की तकनीकी क्षमताओं और उच्च गुणवत्ता वाले गोलों ने यूरोपीय और मध्य पूर्व देशों का भरोसा जीता है। इसके परिणामस्वरूप, यूरोपीय और मध्य पूर्व देशों से गोले के निर्यात ऑर्डर में वृद्धि हुई है। वर्तमान में, कंपनी के पास 650 करोड़ रुपये के निर्यात ऑर्डर हैं और 20 हजार करोड़ रुपये के टेंडर प्रक्रिया में शामिल हैं।
ओएफसी के इंजीनियरों ने इजरायली आर्टिलरी गन डी-30 के लिए उन्नत 122 मिमी. के गोले बनाने की दिशा में महत्वपूर्ण प्रगति की है। इन गोलों को बनाने के लिए फैक्ट्री में मौजूद अत्याधुनिक रोबोटिक्स तकनीक का इस्तेमाल किया जा रहा है, जिससे उत्पादन की गति और गुणवत्ता दोनों में सुधार हुआ है।
रोबोटिक्स तकनीक की मदद से ओएफसी एक दिन में 50 के बजाय 200 बम के खोखे तैयार कर सकता है। इस तकनीक के माध्यम से शेल्स का निर्माण बिना किसी गुणवत्ता में कमी के किया जाता है। ओएफसी के पास रोबोटिक्स प्लांट है, जिसमें आठ से ज्यादा रोबोट 105 मिमी. से लेकर 155 मिमी. के गोलों के खोखे तैयार करते हैं। इससे उत्पादन क्षमता में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है।
यह उपलब्धि न केवल रक्षा क्षेत्र में भारत की स्वावलंबन को बढ़ावा देती है, बल्कि वैश्विक स्तर पर भारतीय तकनीक और उत्पादों की गुणवत्ता को भी सिद्ध करती है।