इंदौर, 20 मार्च 2025, गुरुवार। मध्य प्रदेश के इंदौर शहर में हर साल रंगपंचमी के अवसर पर आयोजित होने वाली विश्वप्रसिद्ध ‘गेर’ उत्सव अपनी रंग-बिरंगी छटा और उत्साह के लिए जाना जाता है। यह परंपरा, जो लगभग डेढ़ सौ साल पुरानी है, होलकर राजवंश के समय से चली आ रही है और देश-विदेश से लाखों लोगों को आकर्षित करती है। लेकिन इस बार 19 मार्च 2025 को आयोजित इस उत्सव में एक दुखद हादसे ने खुशियों को मातम में बदल दिया। गेर के दौरान एक युवक की ट्रैक्टर से कुचलकर मौत हो गई, जिसके बाद मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव को अपना कार्यक्रम रद्द करना पड़ा।
हादसे का विवरण
जानकारी के अनुसार, यह दुखद घटना राजवाड़ा क्षेत्र में उस समय हुई जब गेर उत्सव पूरे जोश के साथ चल रहा था। रंग, गुलाल और संगीत के बीच लोग उत्साह में झूम रहे थे। इसी दौरान एक ट्रैक्टर, जो संभवतः रंग और पानी छिड़कने के लिए इस्तेमाल हो रहा था, अनियंत्रित हो गया। 45 वर्षीय एक व्यक्ति इसकी चपेट में आ गया और ट्रैक्टर का पहिया उसके पेट के ऊपर से गुजर गया। मौके पर मौजूद पुलिस और आपातकालीन कर्मियों ने तुरंत उसे अस्पताल पहुंचाया, लेकिन इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई। मृतक की पहचान अभी तक नहीं हो सकी है, क्योंकि उसकी जेब में सिर्फ 150 रुपये मिले, कोई पहचान पत्र या अन्य सामान नहीं था। इस हादसे ने पांच लाख से अधिक लोगों की भीड़ के बीच सनसनी फैला दी। जहां एक ओर लोग रंगों में डूबे हुए थे, वहीं दूसरी ओर यह घटना उत्सव के माहौल पर भारी पड़ गई। पुलिस ने तुरंत घटनास्थल पर स्थिति को नियंत्रित करने की कोशिश की और मामले की जांच शुरू कर दी।
सीएम डॉ. मोहन यादव का संवेदनशील कदम: इंदौर हादसे पर कार्यक्रम रद्द, मृतक परिवार को 4 लाख की मदद
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव इस विश्वप्रसिद्ध गेर में शामिल होने के लिए इंदौर आने वाले थे। वे अशोकनगर के करेला मेले से लौटकर कुछ ही देर में शहर पहुंचने वाले थे। लेकिन हादसे की खबर मिलते ही उन्होंने संवेदनशीलता दिखाते हुए अपना कार्यक्रम रद्द कर दिया। इसके बजाय, वे इंदौर हवाई अड्डे से सीधे उज्जैन के लिए रवाना हो गए। सीएम यादव ने एक बयान जारी कर गहरी संवेदना व्यक्त की। उन्होंने कहा, “रंगपंचमी के अवसर पर पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार मैं आज इंदौर के गेर में शामिल होने आया था, लेकिन इस दुखद घटना ने मुझे व्यथित कर दिया। एक व्यक्ति की असमय मृत्यु बेहद दुखद है। मैं इस हादसे के प्रति गहरी शोक संवेदना व्यक्त करता हूं और अपने सभी कार्यक्रम स्थगित करता हूं।” इसके साथ ही, उन्होंने मृतक के परिवार को 4 लाख रुपये की आर्थिक सहायता देने की घोषणा भी की।
गेर की परंपरा और इस बार की तैयारी
इंदौर की गेर एक ऐतिहासिक और सांस्कृतिक आयोजन है, जो होली के पांच दिन बाद रंगपंचमी पर मनाया जाता है। इसकी शुरुआत होलकर राजवंश ने बैलगाड़ियों से रंग और पानी छिड़कने के साथ की थी, जो अब ट्रैक्टर, टैंकर और आधुनिक मशीनों तक पहुंच चुकी है। इस बार गेर में पांच लाख से अधिक लोगों के शामिल होने की उम्मीद थी। प्रशासन ने सुरक्षा के लिए 2000 से अधिक पुलिसकर्मियों को तैनात किया था और ड्रोन व सीसीटीवी से निगरानी की जा रही थी। इसके बावजूद यह हादसा सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल खड़े करता है। इस साल गेर को यूनेस्को की सांस्कृतिक धरोहर सूची में शामिल करने की कोशिश भी की जा रही थी, जिसके लिए यूनेस्को की एक टीम भी मौजूद थी। लेकिन इस हादसे ने इस प्रयास पर भी प्रभाव डाला।
इंदौर की गेर: खुशी के रंगों में छिपी दर्दनाक याद, लेकिन शहर की एकजुटता ने दिखाई उम्मीद की किरण
हादसे के बाद स्थानीय लोगों और आयोजकों में शोक की लहर है। यह पहली बार है जब गेर जैसे बड़े आयोजन में इतना गंभीर हादसा हुआ। प्रशासन ने घटना की जांच के आदेश दिए हैं ताकि यह पता लगाया जा सके कि यह दुर्घटना कैसे हुई और इसमें कोई लापरवाही तो नहीं थी। यह घटना हमें यह सोचने पर मजबूर करती है कि भीड़-भाड़ वाले आयोजनों में सुरक्षा कितनी महत्वपूर्ण है। इंदौर की गेर, जो खुशी और एकता का प्रतीक है, इस बार एक दर्दनाक याद छोड़ गई। उम्मीद है कि भविष्य में ऐसी घटनाओं से बचने के लिए बेहतर योजना और सावधानी बरती जाएगी, ताकि यह उत्सव अपनी पूरी रंगत के साथ मनाया जा सके। इस दुखद घटना के बाद भी इंदौरवासियों की एकजुटता और संवेदनशीलता देखने को मिली, जब भीड़ ने एम्बुलेंस को रास्ता दिया और घायलों की मदद की। यह शहर की संस्कृति का एक सकारात्मक पहलू है, जो हर परिस्थिति में उभरकर सामने आता है।