वाराणसी, 9 जुलाई 2025: काशी हिंदू विश्वविद्यालय (बीएचयू) के छात्रों ने महाराष्ट्र में चल रहे हिंदी विरोधी आंदोलनों के खिलाफ सिंह द्वार पर जोरदार प्रदर्शन किया। बैनर-पोस्टर लिए सैकड़ों छात्रों ने नारेबाजी कर महाराष्ट्र सरकार और क्षेत्रीय दलों को कड़ा संदेश दिया कि हिंदी का अपमान बर्दाश्त नहीं होगा।
प्रदर्शनकारी छात्रों ने स्पष्ट किया कि वे मराठी सहित सभी भारतीय भाषाओं का सम्मान करते हैं, लेकिन किसी भी भाषा को जबरन थोपना या दूसरी भाषा का तिरस्कार राष्ट्रीय एकता के लिए खतरा है। एक छात्र नेता ने कहा, “हिंदी हमारी मातृभाषा है, इसका अनादर किसी भी कीमत पर सहन नहीं किया जाएगा।”
“एक भारत, श्रेष्ठ भारत”, “हिंदी-मराठी दोनों हमारी”, “भाषाई एकता ज़रूरी है” जैसे नारों से बीएचयू परिसर गूंज उठा। छात्रों ने मांग की कि भाषाओं को राजनीति का हथियार न बनाया जाए और देश में भाषायी सौहार्द्र को बढ़ावा दिया जाए।
यह प्रदर्शन उस समय हुआ जब महाराष्ट्र में हिंदी के खिलाफ कुछ संगठनों के बयान और आंदोलन चर्चा में हैं। बीएचयू के छात्रों ने चेतावनी दी कि भाषाई वैमनस्य फैलाने की कोशिशों को वे बेनकाब करेंगे।