भोपाल, 16 जनवरी 2025, गुरुवार। भोपाल की हर्षा रिछारिया सोशल मीडिया पर चर्चा में हैं। उनका एक वीडियो वायरल हुआ है, जिसमें वह प्रयागराज के महाकुंभ मेले में साधु-संतों के साथ रथ पर बैठी दिखाई दे रही हैं। कई लोगों ने उन्हें साध्वी समझ लिया, लेकिन हर्षा ने स्पष्ट किया कि वह साध्वी नहीं हैं, बल्कि आध्यात्म से जुड़ी हैं। हर्षा ने अपने करियर की शुरुआत मॉडलिंग और एंकरिंग से की थी। लेकिन दो वर्ष पहले उनका रुझान आध्यात्म की ओर बढ़ गया। वह अक्सर उत्तराखंड की धार्मिक यात्राओं पर जाती थीं और निरंजनी अखाड़ा के साधुओं की संगत में रहती थीं। वह आचार्य महामंडलेश्वर की शिष्या भी बन गईं।
मॉडलिंग और एंकरिंग छोड़कर आध्यात्म का रास्ता चुना!
हर्षा रिछारिया कहती हैं कि दो साल पहले सुकून की तलाश में उनका झुकाव आध्यात्म की ओर बढ़ा। काम छोड़कर उन्होंने आध्यात्म का रास्ता चुना था। हर्षा ने यह भी बताया कि पारिवारिक स्थिति के कारण उन्होंने 2015 में नौकरी शुरू की थी। लोगों ने उन्हें मॉडलिंग में करियर बनाने का सुझाव दिया, जिसके बाद हर्षा एक एंकर बनीं। कई कार्यक्रमों को होस्ट किया। उन्हें भोपाल में मॉडलिंग के भी कई कॉन्ट्रेक्ट भी मिले। बीते दो वर्षों से उन्होंने मॉडलिंग और एंकरिंग का कार्य छोड़ दिया था। वह उत्तराखंड में ही रहने लगी हैं।
हर्षा रिछारिया की जिंदगी की अनसुनी कहानी: मॉडलिंग की दुनिया से आध्यात्म की ओर का सफर!
हर्षा रिछारिया ने अपने जीवन के अनुभव साझा किए हैं। उन्होंने बताया कि जब जीवन में सब कुछ मिल जाता है, तो भी एक खालीपन महसूस होता है। यह एहसास आपको बताता है कि दुनियावी चीजें सच नहीं हैं और उनके पीछे भागने का कोई मतलब नहीं है। हर्षा ने कहा कि जब उन्हें यह एहसास हुआ, तो उन्होंने शांति की तलाश में आध्यात्म की ओर रुख किया। वह आचार्य महामण्डलेश्वर स्वामी श्री कैलाशानंदगिरी जी महाराज, निरंजनी अखाड़ा की शिष्या हैं।