केंद्र सरकार की नीतियों के खिलाफ आज यानी गुरुवार को भारत बंद बुलाया गया है। दस केंद्रीय यूनियनों द्वारा संयुक्त रूप से देशव्यापी भारत बंद का अह्वान किया गया है। भारत बंद के दौरान ट्रांसपोर्ट, बैंकिंग सेवाएं प्रभावित हो सकती हैं। आज सड़कों पर ऑटो और टैक्सी कम ही देखने को मिल सकते हैं। पश्चिम बंगाल में ममता बनर्जी प्रशासन ने सरकारी अधिकारियों के लिए आज कार्यालय में उपस्थित होना अनिवार्य कर दिया है, ताकि ट्रेड यूनियनों द्वारा बुलाए गए भारत बंद को विफल किया जा सके। वहीं, आज किसानों का ‘दिल्ली चलो’ मार्च भी है, जिसे लेकर दिल्ली-हरियाणा सीमा पर बड़ी संख्या में सुरक्षाबलों की तैनाती की गई है। भारत बंद का मकसद किसान विरोधी सभी कानूनों और मजदूर विरोधी श्रम संहिता को वापस लेना है और मरनेगा समेत कई योजनाओं का विस्तार है।
ओडिशा में भी यूनियन ने किया सड़कों पर प्रदर्शन
भुवनेश्वर: ओडिशा निर्मना श्रमिक महासंघ के सदस्य, ऑल इंडिया सेंट्रल काउंसिल ऑफ ट्रेड यूनियन्स और ऑल उड़ीसा पेट्रोल और डीजल पंप वर्कर्स यूनियन यूनियन ने प्रदर्शन किया। ट्रेड यूनियनों ने केंद्र के नए श्रम कानूनों के खिलाफ देशव्यापी हड़ताल का आह्वान किया है।
सरकारी कर्मचारियों को आज हर हाल में आना होगा ऑफिस
कोलकाता: पश्चिम बंगाल में ममता बनर्जी प्रशासन ने सरकारी अधिकारियों के लिए गुरुवार को कार्यालय में उपस्थित होना अनिवार्य कर दिया है ताकि ट्रेड यूनियनों द्वारा बुलाए गए भारत बंद को विफल किया जा सके। ममता सरकार ने चेतावनी दी है कि अगर कोई अधिकारी आज कार्यालय में अनुपस्थित पाया जाता है, तो उसे अकार्य दिवस (ड्यूटी से अनधिकृत अनुपस्थिति) के रूप में माना जाएगा। हालांकि, यह पहली बार नहीं है जब सरकार ने 2011 में टीएमसी के नेतृत्व वाली सरकार के सत्ता में आने के बाद इस तरह का रुख अपनाया है।