नई दिल्ली, 1 दिसंबर 2024, रविवार। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रमुख मोहन भागवत ने एक महत्वपूर्ण बयान दिया है, जिसमें उन्होंने जनसंख्या वृद्धि दर और इसके प्रभावों पर चर्चा की है। उन्होंने कहा कि आधुनिक जनसंख्या विज्ञान के अनुसार, जब किसी समाज की जनसंख्या वृद्धि दर 2.1 से नीचे चली जाती है, तो वह समाज दुनिया से नष्ट हो जाता है। भागवत ने आगे कहा कि 2.1 की जनसंख्या वृद्धि दर बनाए रखने के लिए समाज को दो से अधिक बच्चों की आवश्यकता है। उन्होंने तीन बच्चों की जरूरत पर जोर दिया और कहा कि जनसंख्या विज्ञान भी यही कहता है। उन्होंने यह भी कहा कि हमारे देश की जनसंख्या नीति वर्ष 1998 या 2002 में तय की गई थी, जिसमें यह कहा गया था कि जनसंख्या वृद्धि दर 2.1 से नीचे नहीं होनी चाहिए।
मोहन भागवत के बयान पर विपक्ष का हमला
मोहन भागवत के बयान पर विपक्ष ने कड़ी प्रतिक्रिया दी है। समाजवादी पार्टी के प्रवक्ता फखरुल हसन चांद ने कहा कि मोहन भागवत के बयान से बीजेपी असहज हो जाती है। उन्होंने कहा कि मोहन भागवत पिछले कुछ समय से जब कुछ बोलते हैं तो वह बीजेपी को असहज कर देते हैं। फखरुल हसन चांद ने आगे कहा कि बीजेपी पूरे देश में जनसंख्या को लेकर केवल राजनीति कर रही है, और अब मोहन भागवत के बयान के बाद बीजेपी के पास जवाब नहीं होगा। उन्होंने कहा कि समाजवादी पार्टी की विचारधारा भले ही आरएसएस से न मिलती हो, लेकिन अगर कुछ उन्होंने सही कहा है तो सही को सही कहना गलत नहीं है। इस प्रकार, मोहन भागवत के बयान पर विपक्ष ने कड़ी प्रतिक्रिया दी है, और बीजेपी को इस मुद्दे पर जवाब देने के लिए मजबूर किया है।
कांग्रेस नेता उमंग सिंघार का मोहन भागवत पर हमला, कहा- सबसे पहले अपने घर से शुरुआत करें!
कांग्रेस नेता और नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार ने मोहन भागवत के बयान पर सवाल उठाए हैं। उन्होंने कहा कि मोहन भागवत चाहते हैं कि 2 से ज्यादा बच्चे हों, लेकिन देश में वैसे ही बेरोज़गारी है। युवाओं को नौकरियां नहीं मिल पा रही हैं और फसल की जमीनें कम होती जा रही हैं। उमंग सिंघार ने यह भी कहा कि चीन ने आबादी कम करने के लिए कदम उठाए हैं और आज वह महाशक्तिशाली बन गया है। उन्होंने मोहन भागवत से सवाल किया कि वह चीन से सीख नहीं ले पा रहे हैं और जनसंख्या के मामले में देश को शक्तिशाली बनाना चाहते हैं। उन्होंने यह भी कहा कि अगर मोहन भागवत को जनसंख्या की इतनी चिंता है, तो उन्हें सबसे पहले अपने घर से शुरुआत करनी चाहिए। उन्होंने कहा कि पीएम मोदी, यूपी के सीएम योगी और मोहन भागवत को सबसे पहले अपने घर से शुरुआत करनी चाहिए।
ओवैसी का मोहन भागवत पर हमला, कहा- जनसंख्या बढ़ाने की बात करने वाले गरीब परिवारों को पैसे देंगे?
ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (AIMIM) के सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने मोहन भागवत के बयान पर प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा कि मोहन भागवत जनसंख्या बढ़ाने की बात करते हैं, लेकिन क्या वह यह सुनिश्चित करेंगे कि बच्चों को कुछ फायदा मिले? क्या वह गरीब परिवारों को हर महीने 1500 रुपये देंगे? ओवैसी ने यह भी कहा कि मोहन भागवत को अपने समुदाय से उदाहरण लेकर दिखाना चाहिए।
जयंत पाटिल का मोहन भागवत पर हमला
महाराष्ट्र के वरिष्ठ नेता जयंत पाटिल ने आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत के जनसंख्या बढ़ाने के बयान पर प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा कि अजित पवार ने पहले एक बिल पेश किया था, जिसमें दो से ज्यादा बच्चों वाले लोगों को स्थानीय निकाय चुनाव में भाग लेने से रोकने का प्रस्ताव था।
जनसंख्या वृद्धि: भागवत के बयान ने देश को दो धड़ों में बांट दिया!
भागवत के बयान के बाद देशभर में जनसंख्या वृद्धि और नियंत्रण के मुद्दे पर बहस तेज हो गई है। विपक्ष ने आरोप लगाया है कि भागवत राजनीति कर रहे हैं, जबकि संघ प्रमुख ने इसे समाज के अस्तित्व से जोड़ते हुए जनसंख्या नीति पर ध्यान केंद्रित किया है। इस मुद्दे पर विभिन्न राजनीतिक दलों और विशेषज्ञों ने अपने विचार व्यक्त किए हैं। कुछ लोगों का मानना है कि जनसंख्या वृद्धि दर को नियंत्रित करने के लिए सरकार को कठोर कदम उठाने चाहिए, जबकि अन्य लोगों का मानना है कि यह मुद्दा राजनीतिकरण किया जा रहा है और इसका समाधान शिक्षा और स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार करने में है।
इस बहस के बीच, आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ने कहा है कि जनसंख्या वृद्धि दर को नियंत्रित करने के लिए सरकार को एक समान जनसांख्यिकीय नीति बनानी चाहिए। उन्होंने यह भी कहा है कि यदि प्रजनन दर 2.1 से नीचे जाती है, तो यह समाज के अस्तित्व के लिए खतरा हो सकता है। इस पूरे मामले में यह स्पष्ट है कि जनसंख्या वृद्धि और नियंत्रण का मुद्दा एक जटिल और विवादित विषय है, जिस पर विभिन्न मतभेद हैं।