वाराणसी, 1 जनवरी 2025, बुधवार। नव वर्ष के मौके पर महादेव की नगरी काशी में आस्थावान जुटे। रोज की तरह ही नए साल का आगाज भी घंट-घड़ियाल, मंत्रोच्चार, गंगा आरती और भगवान सूर्य को अर्घ्य देकर हुआ। वाराणसी में साल के अंतिम दिन की शाम को बनारस के घाटों पर विश्व प्रसिद्ध संध्या गंगा आरती के दौरान 2025 का स्वागत और 2024 को विदाई दी गई। गंगा आरती में दशाश्वमेध और अस्सी घाट पर हजारों पर्यटकों और स्थानीय लोगों की भीड़ रही। साल के अंतिम दिन डूबते सूर्य के साथ मां जाह्नवी का वंदन कर जगत कल्याण की कामना की गई। उस शाम को बनारस के घाटों पर एक अनोखा माहौल था। लोगों ने अपने परिवार और दोस्तों के साथ मिलकर गंगा आरती में भाग लिया। आरती के दौरान लोगों ने दीये, फूल और अगरबत्ती चढ़ाई। आरती के बाद लोगों ने एक-दूसरे को नए साल की शुभकामनाएं दीं।
दूसरी ओर, काशी विश्वनाथ धाम में वर्ष के पहले दिन बुधवार को लाखों की संख्या में श्रद्धालु पहुंचे। वहीं बीते पूरे वर्ष का आंकड़ा छह करोड़ पार कर गया है। जो पिछले वर्ष से पांच फीसदी अधिक है। साल का पहला दिन होने के वजह से सुबह मंगला आरती में भक्तों की कतार लगी थी। सर्द हवाओं के बीच गलियों, घाट और मार्गों पर कतार लगाकर श्रद्धालु बाबा का दर्शन-पूजन कर रहे हैं।
भक्तों की कतार जहां गंगा घाट तक पहुंच गई है। वहीं बांसफाटक से भी कतार लगी है। गोदौलिया से चौक के बीच जाम लग गया है। पुलिस प्रशासन को जाम छुड़ाने में छक्के छूट जा रहे हैं। लेकिन भक्तों का उत्साह और भक्ति भाव देखकर पुलिस प्रशासन भी प्रभावित हो रहा है।