अब तक 358 टिकट बंट गए हैं, आपको क्या लग रहा है, 2017 के मुकाबले भाजपा कहां खड़ी है
मोदी सरकार की जन कल्याण की योजनाओं से दलित, पिछड़ा वर्ग भाजपा को पसंद कर रहा है। पश्चिमी उत्तर प्रदेश में अब जैसा माहौल है, उससे लग रहा है कि हम पहले से अधिक सीटें जीत जाएंगे। पिछली बार पश्चिम क्षेत्र की 71 सीटांे में से 51 सीटों पर भाजपा जीती ेथी, इस बार उससे ज्यादा मिलेगी। भाजपा ने 2017 के संकल्प पत्र के सभी बड़े वादे पूरे किए हैं। 2022 के संकल्प पत्र को भी पूरा करेंगे।
भाजपा ने बसपा के जाटव वोट बैंक को अपनी ओर खींचने के लिए जो कार्ड खेला है, वह कितना सफल रहेगा?
बाबा साहेब भीमराव आंबेडकर को वास्तविक सम्मान भाजपा ने दिया है। जाटव वर्ग भाजपा शासन में स्वयं को सुरक्षित महसूस करता है। प्रदेश सरकार के मंत्रिमंडल में 33 पिछड़े और दलित वर्ग के मंत्री हैं। दलित वर्ग को सरकारी नौकरी, व्यवसाय के लिए ऋण और निजी क्षेत्र में रोजगार मिला है। स्टैंडअप इंडिया के तहत कर्ज दिया गया। स्वनिधि योजना से भी दलित वर्ग के स्ट्रीट वेंडर्स लाभान्वित हुए। पहले जहां खनन व्यवसाय में दलित वर्ग की हिस्सेदारी नहीं थी, हमारी सरकार ने खान आवंटन में दलितों को आरक्षण दिया। जाटव समाज भाजपा के साथ रहेगा।
पूर्वांचल में ओमप्रकाश राजभर की सुभासपा और सपा के गठबंधन से भाजपा को कितना नुकसान होगा?
भाजपा ने पहली बार सुनार, चौरसिया समाज को टिकट दिया है। पिछड़े वर्ग की सभी जातियों को भाजपा ने प्रतिनिधित्व दिया है। पश्चिम में रालोद-सपा और पूर्वांचल में सपा और सुभासपा का गठबंधन पूरी तरह फेल साबित होगा। पिछड़ा वर्ग चाहता है कि प्रदेश में अमन चैन कायम रहे, इसलिए भाजपा को वोट करेगा।
क्या आप केशव प्रसाद मौर्य के नेतृत्व में मिली जीत का रिकॉर्ड तोड़ पाएंगे?
हमने 300 प्लस का नारा दिया है, उसके लिए संगठन के नेता और कार्यकर्ता पूरी मेहनत कर रहे हैं। जनता के आशीर्वाद से हमारा नारा सफल होगा। 300 प्लस सीटों के साथ हम सरकार बनाएंगे।
पहले और दूसरे चरण में जाट समाज का वोट भाजपा को कितना मिल रहा है?
जाट समाज का वोट 2014, 2017 और 2019 में भाजपा को मिला था और 2022 में भी मिलेगा। पश्चिमी यूपी में सपा के गुंडाराज को जनता भूली नहीं है। प्रदेश को उस गुंडागर्दी और अराजकता से दूर रखने के लिए जाट समाज भाजपा को वोट करेगा।
पूर्वांचल में ओमप्रकाश राजभर की सुभासपा और सपा के गठबंधन से भाजपा को कितना नुकसान होगा?
भाजपा ने पहली बार सुनार, चौरसिया समाज को टिकट दिया है। पिछड़े वर्ग की सभी जातियों को भाजपा ने प्रतिनिधित्व दिया है। पश्चिम में रालोद-सपा और पूर्वांचल में सपा और सुभासपा का गठबंधन पूरी तरह फेल साबित होगा। पिछड़ा वर्ग चाहता है कि प्रदेश में अमन चैन कायम रहे, इसलिए भाजपा को वोट करेगा।
क्या आप केशव प्रसाद मौर्य के नेतृत्व में मिली जीत का रिकॉर्ड तोड़ पाएंगे?
हमने 300 प्लस का नारा दिया है, उसके लिए संगठन के नेता और कार्यकर्ता पूरी मेहनत कर रहे हैं। जनता के आशीर्वाद से हमारा नारा सफल होगा। 300 प्लस सीटों के साथ हम सरकार बनाएंगे।
पहले और दूसरे चरण में जाट समाज का वोट भाजपा को कितना मिल रहा है?
जाट समाज का वोट 2014, 2017 और 2019 में भाजपा को मिला था और 2022 में भी मिलेगा। पश्चिमी यूपी में सपा के गुंडाराज को जनता भूली नहीं है। प्रदेश को उस गुंडागर्दी और अराजकता से दूर रखने के लिए जाट समाज भाजपा को वोट करेगा।
भाजपा मुसलमानों को खुद टिकट नहीं देकर सहयोगी दलों से दिला रही है?
अपना दल को बंटवारे में जो सीट मिली है उनमें से वह जिसे चाहे चुनाव लड़ाएं, यह उन्हें तय करना है। भाजपा कार्यकर्ताओं के बीच लोकप्रियता और जनता के बीच स्वीकार्यता को देखकर प्रत्याशी चयन करती है।
दो-चार दिन पहले भाजपा में शामिल हुए लोगों को टिकट देने से कार्यकर्ता नाराज हैं, क्या इसका असर नहीं पड़ेगा?
भाजपा कार्यकर्ताओं का मूल उद्देश्य सरकार बनाना है। सरकार के जरिये बड़ी से बड़ी समस्या का समाधान होता है। राष्ट्रवाद के मुद्दों को लागू करने के लिए कार्यकर्ता भाजपा के कमल खिलाने के लिए काम करेगा।
भाजपा को पिछड़े वर्ग का वोट तो चाहिए, लेकिन पिछड़े वर्ग के नेता को मुख्यमंत्री क्यों नहीं बनाया जाता है?
मुख्यमंत्री कौन बनेगा इसका निर्णय संसदीय बोर्ड लेता है। योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में चुनाव हो रहा है तो भाजपा को बहुमत मिलने पर योगी ही मुख्यमंत्री बनेंगे। डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य पिछड़े समाज से हैं। मोदी सरकार में 27 मंत्री पिछड़े वर्ग से हैं, प्रदेश में भी बड़ी संख्या में पिछड़े मंत्री हैं।
आप चुनाव में विकास से ज्यादा राष्ट्रवाद और हिंदुत्व को मुद्दा क्यों बना रहे हैं?
भाजपा की मोदी-योगी सरकार ने राम मंदिर निर्माण, जम्मू कश्मीर से अनुच्छेद 370 की समाप्ति, काशी विश्वनाथ कॉरिडोर का निर्माण सहित राष्ट्रवाद से जुड़े मुद्दों को आगे बढ़ाया है। यह वही कांग्रेस है, जिसके कारण देश की जनता के आराध्य भगवान राम 26 साल तक टेंट में रहे हैं। कांग्रेस सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई रोकने के लिए हलफनामा पेश करती थी। राम के अस्तित्व को नकारती थी। सपा ने राम भक्तों पर गोलियां चलवाई थी। हमने जो काम किए हैं उससे जनता का सम्मान और स्वाभिमान बढ़ा है।
भाजपा पर चुनाव को पूरी तरह हिंदू बनाम मुस्लिम बनाने के आरोप लग रहे हैं?
चुनावी बरसात में सियासी मेढक टर्र-टर्र करने लगे है, इन मेढकों का भाजपा परवाह नहीं करती है। आम हिंदू और मुसलमान यह जान गया है कि हिंदू और मुसलमानों के बीच पैदा किया गया डर ही सपा, बसपा और कांग्रेस की ताकत थी। मोदी-योगी ने इस डर को समाप्त कर दिया है। विपक्षी दल अब मुसलमानों को भी बरगला नहीं पा रहे हैं न हिंदुओं को डरा पा रहे हैं। विपक्षी दलों का व्यापार अब बंद हो गया है। वैसे प्रदेश का मुसलमान मुख्तार अंसारी और अतीक अहमद को अपना नुमाइंदा नहीं मानता है। मुस्लिम महिलाओं का समर्थन भाजपा को मिल रहा है।
विपक्षी दल आरोप लगा रहे हैं कि भाजपा सरकार में मुसलमानों के साथ भेदभाव हुआ है। आप क्या मानते हैं?
भेदभाव कहां हुआ है, पीएम आवास रीता को मिलता है तो रजिया को भी मिलता है। आयुष्मान कार्ड सुंदर का बना तो सलीम का भी बना है। हमारी सरकार ने साबित कर दिया है कि विकास और सुविधाओं में भाजपा भेदभाव नहीं करती है। मुसलमान वोटों के ठेकेदार यह आरोप लगा रहे हैं।