जूनागढ़, 13 नवंबर 2024, बुधवार। गुजरात के जूनागढ़ में गिरनार पर्वत के आसपास लीली परिक्रमा का आयोजन हुआ। यह परिक्रमा हर साल कार्तिकी एकादशी से शुरू होती है। इस साल भी इसका भव्य आयोजन किया गया, जिसमें भक्तों की भारी तादाद देखी गई। परिक्रमा शुरू होने से 24 घंटे पहले ही दरवाजे खोल दिए गए थे, लेकिन भीड़ और गर्मी के कारण 48 घंटों में 9 लोगों की हार्ट अटैक से मौत हो गई।
गिरनार पर्वत पर भक्तों की भीड़ में मौत का तांडव
जूनागढ़ में गिरनार पर्वत की लीली परिक्रमा शुरू हुई, जिसमें 20 लाख से अधिक लोग भाग लेते हैं। इस साल गर्मी और भीड़ के कारण 8 लोगों की हार्ट अटैक से मौत हो गई। जूनागढ़ सिविल अस्पताल के सुप्रिटेन्डेन्ट डॉ. कृतार्थ ब्रह्मभट्ट ने बताया कि ज्यादा भीड़ और गर्मी के कारण लोगों को हार्ट अटैक आया। उन्होंने लोगों से परिक्रमा के दौरान रुक-रुक कर चलने और आवश्यकता होने पर मेडिकल कैंप में संपर्क करने का आग्रह किया।
शिवजी की खोज से शुरू हुई यात्रा: गिरनार पर्वत की लीली परिक्रमा
गिरनार पर्वत, जिसे हिमालय के दादा कहा जाता है, में एक महत्वपूर्ण परिक्रमा आयोजित होती है। यहाँ शिवजी ने पार्वती को गुफाओं में खोजा था और 5200 साल पहले श्री कृष्ण और रुक्मणि ने इस पर्वत की पहली परिक्रमा शुरू की थी। कार्तिकी एकादशी की मध्यरात्रि को 36 किलोमीटर की यह परिक्रमा शुरू होती है, जिसमें यात्री जीना बाबा की मढ़ी, मालवेल, बोरदेवी और भवनाथ में रुककर खाना पकाकर खाते व सोते हैं। यह परिक्रमा चार रात जंगल में बीतती है।