एकजुट हुए हिंदू… बनारस बंद! सड़कों पर उतरे लोग
वाराणसी। पड़ोसी मुल्क बांग्लादेश में अंतरिम सरकार का गठन हो चुका है लेकिन अभी भी हालात तनावपूर्ण हैं। राजधानी ढाका की सड़कों से पुलिस गायब है और सेना ने पूरी तरह मोर्चा संभाल रखा है। बांग्लादेश में हिंदू समुदाय मंदिरों पर हमलों के खिलाफ लगातार विरोध प्रदर्शन कर रहा है। बांग्लादेश में हिंदुओं के खिलाफ पिछले कुछ दिनों से जारी लगातार हिंसा और अत्याचार से भारत के हिंदुओं के सब्र का भी बांध टूट गया है। इसके खिलाफ लोग सड़कों पर उतर आएं हैं। बांग्लादेश में हिंदू समुदाय के कथित नरसंहार के खिलाफ काशी के हिंदू समूहों ने विरोध प्रदर्शन किया। राजनीतिक अशांति से प्रभावित देश में हिंदू मंदिरों को नष्ट करने के विरोध में हिंदू रक्षा समिति और संयुक्त व्यापार मंडल समिति के आह्वान पर बनारस में व्यापारियों ने अपनी दुकानें बंद रखी। गुरुवार सुबह से ही दुकानें नहीं खोली गईं। पूर्वांचल की सबसे बड़ी गल्ला मंडी में सुबह 12 बजे के बाद तक दुकानें नहीं खुली थीं। जो भी दुकान खोल रहा था, उसे समझाकर दुकानें बंद कराई जा रही थीं। बांग्लादेश में हिंदुओं पर हो रहे अत्याचार के विरोध में व्यापार मंडल के एक-दिवसीय बंद के आह्वान के बाद बनारस में इसका असर देखने को मिला। वाराणसी की सबसे बड़ी गल्ला मंडी में भी दुकानें नहीं खुली। ज्यादातर व्यापारी दुकानों के बाहर बैठकर बातचीत करते नजर आये और दुकानों के ताले नहीं खोले गए। व्यापारियों ने कहा जो भी बांग्लादेश में हो रहा है, वह सही नहीं हो रहा है।
बांग्लादेश में अत्याचार के विरोध में उतरे व्यापारियों ने कहा कि बांग्लादेश में जो हो रहा है। वह सही नहीं है। आज व्यापार मंडल ने बंद का आह्वान किया था। ऐसे में विश्वेश्वरगंज व्यापार मंडल ने बंदी की है। जिससे करोड़ों का व्यापार प्रभावित हुआ है। एक अन्य व्यापारी ने बताया- हिंदुओं पर जो अत्याचार बांग्लादेश में हुआ है वह असहनीय है। ऐसे में हम लोगों ने बंद का समर्थन कर अपनी दुकानें बंद रखीं हैं। बता दें, हिन्दू रक्षा समिति और संयुक्त व्यापर मंडल समिति के आह्वान पर शहर के कुल 26 व्यापार संघ ने इसका समर्थन किया है। शाम में शहीद उद्यान से एक आक्रोश मार्च भी निकाला गया।