N/A
Total Visitor
33.3 C
Delhi
Saturday, July 5, 2025

बनारस की बेटी का हॉकी में बड़ा धमाका: पूजा यादव की प्रेरक कहानी

वाराणसी, 15 अप्रैल 2025, मंगलवार। बनारस, जहां गंगा की लहरें और संस्कृति का मेल हर दिल को छूता है, अब हॉकी के मैदान में भी अपनी नई पहचान बना रहा है। इस शहर की मिट्टी ने पहले ललित उपाध्याय जैसे सितारे को भारतीय पुरुष हॉकी टीम में चमकने का मौका दिया, और अब एक बेटी ने इतिहास रच दिया है। गंगापुर की पूजा यादव बनारसी हॉकी की पहली ऐसी बेटी बन गई हैं, जिन्होंने भारतीय महिला हॉकी टीम में अपनी जगह पक्की की है। ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ पांच मैचों की सीरीज में पूजा नीली जर्सी में देश का नाम रौशन करने को तैयार हैं।

गरीबी से निकलकर सपनों की उड़ान

पूजा की कहानी किसी फिल्मी स्क्रिप्ट से कम नहीं। एक साधारण परिवार से ताल्लुक रखने वाली पूजा के पिता महेंद्र यादव दूध बेचकर परिवार का गुजारा करते हैं, जबकि मां कलावती देवी घर संभालती हैं। छह बहनों और एक भाई के बीच पांचवें नंबर की पूजा ने बचपन से ही बड़े सपने देखे। गंगापुर के मैदानों से हॉकी स्टिक थामने वाली इस बेटी ने अपनी मेहनत और लगन से हर मुश्किल को पीछे छोड़ा। लखनऊ के साईं हॉस्टल में रहकर उन्होंने अपने खेल को निखारा और साथ ही पूर्वांचल विश्वविद्यालय, जौनपुर से बीए की पढ़ाई भी जारी रखी। पूजा कहती हैं, “मेरे माता-पिता की तपस्या और मेरी मेहनत ने मुझे यहां तक पहुंचाया। ऑस्ट्रेलिया में मैं शत-प्रतिशत दम लगाऊंगी।”

प्रेरणा के स्रोत और अनुशासन का मंत्र

पूजा के लिए प्रेरणा का सबसे बड़ा स्रोत रहे हैं बनारस के ही ओलंपियन ललित उपाध्याय। उनकी वीडियो देखकर पूजा ने हॉकी के गुर सीखे और सपने को हकीकत में बदलने का हौसला पाया। मिडफील्डर के तौर पर अपनी तेजी और रणनीति से उन्होंने कोचों का भरोसा जीता। पूजा का मानना है कि सफलता का कोई शॉर्टकट नहीं। “अनुशासन और ईमानदारी ही आपको आगे ले जाती है,” वह आत्मविश्वास के साथ कहती हैं।

बनारस में हॉकी का नया युग

14 अप्रैल 2025 का दिन बनारस की हॉकी के लिए स्वर्णिम पल बन गया, जब पूजा को नीली जर्सी पहनने का गौरव मिला। हॉकी वाराणसी के अध्यक्ष डॉ. एके सिंह इसे खेलों में हो रहे बदलाव का नतीजा मानते हैं। उनके मुताबिक, “प्रधानमंत्री मोदी की नीतियों ने खेलों को नई ऊंचाइयां दी हैं, और पूजा का चयन इसका जीता-जागता सबूत है।” वहीं, सचिव केबी रावत का कहना है कि पूजा की उपलब्धि बनारस की बेटियों को हॉकी की ओर आकर्षित करेगी और नए सितारे उभरकर सामने आएंगे।

आगे की राह

ऑस्ट्रेलिया में होने वाली सीरीज पूजा के लिए सिर्फ एक टूर्नामेंट नहीं, बल्कि देश के लिए कुछ कर दिखाने का मौका है। बनारस की इस बेटी की हॉकी स्टिक अब विश्व मंच पर चमकेगी, और हर भारतीय का सीना गर्व से चौड़ा होगा। पूजा यादव की कहानी हर उस इंसान के लिए प्रेरणा है, जो सपने देखता है और उन्हें सच करने की हिम्मत रखता है। बनारस की गलियों से निकलकर अंतरराष्ट्रीय मैदान तक का यह सफर बताता है कि मेहनत और जुनून के आगे कोई रुकावट टिक नहीं सकती।

Advertisement

spot_img

Related Articles

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Stay Connected

2,300FansLike
9,694FollowersFollow
19,500SubscribersSubscribe

Advertisement Section

- Advertisement -spot_imgspot_imgspot_img

Latest Articles

Translate »