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Friday, March 29, 2024

भारत में बैन खालिस्तान ने संयुक्त राष्ट्र को चंदा दिया

भारत की आबो-हवा में जहर घोलने के लिए कुख्यात बैन खालिस्तान समर्थक संगठन- सिख फॉर जस्टिस ने संयुक्त राष्ट्र को चंदा दिया है। खालिस्तान समर्थक संगठन एसएफजे यानी सिख फॉर जस्टिस ने संयुक्त राष्ट्र को करीब 7 लाख रुपए का चंदा दिया है। इस बात की पुष्टि खुद जेनेवा में संयुक्त राष्ट्र उच्चायुक्त मानवाधिकार कार्यालय (यूनाइटेड नेशन्स हाई कमिश्नर फॉर ह्यूमन राइट्स) के एक प्रवक्ता ने की है। सिख फॉर जस्टिस संगठन कृषि कानूनों के खिलाफ किसान आंदोलन  में शामिल प्रदर्शनकारी किसानों के साथ हुए कथित दुर्व्यवहार की जांच के लिए एक कमिशन ऑफ इंक्वायरी गठित करने की लॉबिंग कर रहा है। माना जा रहा है कि इसी मांग के लिए इस संगठन ने इतनी बड़ी रकम का चंदा दिया है।

TOI की खबर के मुताबिक, जिनेवा में संयुक्त राष्ट्र के उच्चायुक्त मानवाधिकार (OHCHR) के कार्यालय के एक प्रवक्ता ने बताया कि हम इस बात की पुष्टि करते हैं कि हमें 1 मार्च को सिख फॉर जस्टिस ग्रुप का प्रतिनिधित्व करने वाले एक व्यक्ति से ऑनलाइन के जरिए 10,000 डॉलर (करीब 7लाख) का चंदा प्राप्त हुआ है। उनके मुताबिक, संयुक्त राष्ट्र तब तक किसी का चंदा लेने से इनकार नहीं करता, जब तक कि वह शख्स या संगठन संयुक्त राष्ट्र की प्रतिबंध सूची में शामिल न हो या फिर संयुक्त राष्ट्र चार्टर या इसके सिद्धांतों के विपरीत गतिविधियों में शामिल न हो।

अमेरिका में रहने वाला गुरपतवंद सिंह पन्नून, जो कि खालिस्तान समर्थक सिख फॉर जस्टिस का जनरल काउंसेल है, वही इसके पीछे बताया जा रहा है। भारत की ओर से आतंकी घोषित हुए गुरपतवंद सिंह पन्नून ने ही भारत में प्रद्रशनकारी किसानों के खिलाफ कथित हिंसा और राजद्रोह केसों की जांच के लिए संयुक्त राष्ट्र से कमीशन ऑफ इंक्यावरी गठित करने की मांग की है और उसका दावा है कि इसके लिए सिख समुदाय ने 13 लाख अमेरिकी डॉलर यानी करीब 9,44,96,02 रुपए दान देने की बात कही है। 

हालांकि, अब तक संयुक्त राष्ट्र ने कमीशन की स्थापना नहीं की है। गुरपतवंत सिंह ने कहा कि मेरी जानकारी के अनुसार संयुक्त राष्ट्र ने आयोग की स्थापना नहीं की है। लेकिन हम मानवाधिकारों के लिए उच्चायुक्त के संयुक्त राष्ट्र कार्यालय के माध्यम से इस मामले को आगे बढ़ा रहे हैं। बता दें कि कमीशन ऑफ इंक्वायरी का गठन आमतौर पर उन जगहों के लिए होता है, जहां पर मानवाधिकारों के हनन का मामला सामने आता है। फिलहाल, सीरिया के लिए एक एक कमीशन ऑफ इंक्वायरी गठित है।

यूनाइटेड नेशन्स हाई कमिश्नर फॉर ह्यूमन राइट्स के प्रवक्ता ने कहा कि संयुक्त राष्ट्र की ओर से भारत में ऐसी किसी कमीशन को गठित करने की योजना नहीं है। उन्होंने कहा, ज्यादातर कमीशन ऑफ इंक्वायरी का गठन संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद के 47 सदस्यों की विशेष मत के बाद होता है। साथ ही इसके लिए सुयुक्त राष्ट्र की ओर से बजट भी तय होता है। हालांकि, उन्होंने यह भी कहा कि किसी खास गतिविधि के लिए संयुक्त राष्ट्र किसी व्यक्ति या संठन के दान देने मात्र से तैयार नहीं हो जाता। 
 

anita
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Anita Choudhary is a freelance journalist. Writing articles for many organizations both in Hindi and English on different political and social issues

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