वाराणसी, 8 नवंबर 2024, शुक्रवार: बैकुंठ चतुर्दशी के पावन पर्व पर 14 नवंबर के दिन श्री काशी विश्वनाथ धाम में विशेष पूजा एवं आरती का आयोजन किया जाएगा। यह पूजा श्री हरि भगवान विष्णु के समस्त प्रधान विग्रह पर की जाएगी।
बैकुंठ चतुर्दशी कार्तिक माह के शुक्ल पक्ष की चतुर्दशी को मनाई जाती है, जिसे विशेष रूप से भगवान विष्णु की पूजा एवं आराधना का दिन माना जाता है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, इस दिन भगवान विष्णु जी की योग निद्रा समाप्त होती है और वे बैकुंठ लोक से जागकर सृष्टि की गतिविधियों में सक्रिय हो जाते हैं। इस दिन भगवान शिव सृष्टि की जिम्मेदारी विष्णु जी को सौंपते हैं।
इस दिन की पूजा और आराधना से व्यक्ति के जीवन में शांति, समृद्धि, और सुख-शांति की प्राप्ति होती है। विशेष रूप से भगवान विष्णु की कृपा से भक्त को बैकुंठ लोक की प्राप्ति हेतु श्री हरि के भक्त आराधना करते हैं।
श्री काशी विश्वनाथ धाम में निम्न विग्रहों पर विशिष्ट पूजन कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे:
बैकुंठ जी (मुख्य मंदिर परिसर में गर्भगृह एवं दण्डपाणि विग्रह के मध्य): इस शुभ अवसर पर बैकुंठ जी विग्रह पर सहस्त्रार्चन एवं राग-भोग आरती का आयोजन किया जाएगा।
सत्यनारायण जी (मुख्य मंदिर परिसर में बी गेट “सरस्वती द्वार” प्रवेश के दाहिने तरफ): बैकुंठ चतुर्दशी के अवसर पर सत्यनारायण जी विग्रह पर शुक्ल यजुर्वेद के पुरुष सूक्त पाठ के उपरांत आरती संपन्न की जाएगी।
बद्रीनारायण जी (मुख्य मंदिर परिसर में ए गेट “गंगा द्वार” प्रवेश के दाहिने तरफ): बद्रीनारायण जी के विग्रह पर विष्णु सहस्त्रनाम पाठ के उपरांत राग-भोग आरती संपन्न की जाएगी।
ललिता घाट पर स्थित भगवन विष्णु जी का मंदिर (“पद्म्नाभेश्वर मंदिर”): पंचामृत से पूजन के उपरांत षोडशोपचार पूजन किया जाएगा।
देव दीपावली पर काशी विश्वनाथ धाम में विशेष आयोजन
देव दीपावली के पावन पर्व पर श्री काशी विश्वनाथ धाम में इस वर्ष विशेष रूप से भव्य सजावट और धार्मिक आयोजन किए जाएंगे। देव दीपावली अविमुक्त क्षेत्र काशी विश्वेश्वर भगवान की आराधना का एक महत्वपूर्ण पर्व है। इस अवसर पर सनातन परंपरा के अनुसार काशी में समस्त देवता देवलोक से पधार कर स्वयं के पुण्यलाभ हेतु महादेव के सेवार्थ प्रकाश पर्व मनाते हैं। इस अवसर पर श्री काशी विश्वनाथ धाम को फूलों से सजाने की योजना बनाई गई है, जिससे वातावरण और भी भव्य एवं उल्लासपूर्ण बन जाएगा।
सम्पूर्ण धाम में विभिन्न प्रकार के रंग-बिरंगे फूलों से आकर्षक सजावट की जाएगी, जो श्रद्धालुओं को एक दिव्य और दिव्यतम अनुभव प्रदान करेगी। फूलों के अलावा, दीपों की सजावट भी की जाएगी। विशेष रूप से दीपोत्सव की तैयारियाँ की गई हैं, जिसमें मंदिर क्षेत्र को हजारों दीपों से सजाया जाएगा, जिससे सम्पूर्ण धाम दीपों की आभा से रोशन होगा। इसके अतिरिक्त, इस वर्ष देव दीपावली के अवसर पर श्री काशी विश्वनाथ धाम स्थित ललिता घाट पर सायंकाल वेला में एक विशेष आतिशबाजी और लेज़र शो का आयोजन किया जाएगा, जिसे जिला प्रशासन द्वारा आयोजित किया जाएगा। इस शो में श्रद्धालु और पर्यटक दोनों ही आनंदित होंगे, और यह काशी के इस अद्वितीय पर्व को और भी भव्य बनाएगा।
सभी तैयारियों के मद्देनजर, काशी विश्वनाथ मंदिर प्रशासन और स्थानीय प्रशासन ने श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए विशेष प्रबंध किए हैं। मंदिर में दर्शन के लिए आने वाले श्रद्धालुओं को पूजा-अर्चना और अन्य धार्मिक कार्यों के लिए बेहतर सुविधाएं प्रदान की जाएंगी। साथ ही, काशी क्षेत्र में सुरक्षा व्यवस्था को भी सुदृढ़ किया गया है ताकि श्रद्धालुओं को किसी प्रकार की असुविधा का सामना न करना पड़े। श्री काशी विश्वनाथ धाम में इस देव दीपावली के दौरान काशी की आध्यात्मिक और सांस्कृतिक धरोहर को और भी उजागर करने का प्रयास किया गया है।