बागपत में बड़ौत थाना क्षेत्र के ट्योढ़ी गांव में एक दिल दहला देने हादसा हुआ है। यहां पर एक ईंट भट्ठे की पथेर के लिए जमा किए हुए पानी के कुंड में तीन बच्चों की डूबने से दर्दनाक मौत हो गई। मृतक बच्चों की उम्र आठ से 15 साल बताई जा रही है। बागपत और बड़ौत पुलिस सूचना पर मौके पर पहुंची, लेकिन परिजनों ने बच्चों के शवों को पोस्टमार्टम के लिए भेजे जाने का विरोध किया।
दिल्ली-सहारनपुर हाईवे पर नीरज कुमार का एमबीएफ नाम से एक ईंट भट्ठा है। इस ईंट भट्ठे के बराबर में पथेर के लिए पानी एक गड्ढे के रूप में जमा किया हुआ था। आसपास के खेतों से और पानी इस गड्ढे में जमा हो गया, जिसके बाद यह एक कुंड के रूप में तब्दील हो गया। आज ईंट भट्ठे पर काम करने वाले मजदूरों के बच्चे खेलते-खेलते इस कुंड में नहाने के लिए कूद पड़े।
वहीं भट्ठे पर ही काम करने वाले एक मजदूर के दिव्यांग बेटे ने परिजनों को सूचना दी, इसके बाद काफी संख्या में मजदूर इकट्ठा होकर मौके पर पहुंचे। तीनों बच्चों को किसी तरह बाहर निकाला गया। परिजन बच्चों को बड़ौत के निजी अस्पताल में लेकर पहुंचे। जहां तीनों बच्चों को चिकित्सकों ने मृत घोषित कर दिया।
मृत बच्चों में अनिस (9 वर्ष) पुत्र हरबीर निवासी गौरीपुर, सावन (15 वर्ष) पुत्र संजीव, मनु (14 वर्ष) पुत्र ओमवीर किरठल निवासी शामिल है। सूचना मिलने पर बागपत और बड़ौत कोतवाली पुलिस भी ईंट भट्ठे पर पहुंची। तीनों बच्चों की मौत के बाद ईंट भट्ठे पर कोहराम मच गया। उधर, परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल है। वहीं परिजनों ने बच्चों के शवों का पोस्टमार्टम कराने से इनकार कर दिया है।