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Tuesday, December 24, 2024

बाबा की अनोखी यात्रा: दर्द और दुख से भगवान की आस्था में चूर होने की एक प्रेरणादायक कहानी

प्रयागराज, 23 दिसंबर 2024, सोमवार। हंस रंग राज बाबा की कहानी एक ऐसी कहानी है जो हमें यह सिखाती है कि जब भगवान में आपकी आस्था जाग जाए तो आपका अपना जीवन भगवान के नाम हो जाता है। बाबा की कहानी शुरू होती है उनके बचपन से, जब उनके पिताजी का देहांत हो गया और उनके भाइयों ने उन्हें घर में हिस्सा नहीं दिया।
इस दर्दनाक अनुभव ने बाबा को भगवान की आस्था में चूर कर दिया। उन्होंने अपनी साइकिल पर कुछ सामान रखा और भगवान के दर्शन करने के लिए निकल पड़े। पहले मेरठ गए, फिर अयोध्या गए, उसके बाद राजस्थान गए और ऐसे भारत के कई धार्मिक जगह से घूमते हुए प्रयागराज संगम पहुंचे।
जहां पर उन्होंने पहुंचते ही पहले मां गंगा को दंडवत प्रणाम किया, गंगा का आचमन किया, फिर जलाभिषेक किया और साधु संतों के दर्शन के लिए कुंभ मेला क्षेत्र में चल पड़े। बाबा की कहानी हमें यह सिखाती है कि जब हम अपनों से दुख पहुंचे तो हमें भगवान की आस्था में चूर होने की जरूरत होती है।
बाबा की कहानी एक प्रेरणा है उन लोगों के लिए जो अपने जीवन में दुख और दर्द का सामना कर रहे हैं। यह कहानी हमें यह सिखाती है कि भगवान की आस्था में चूर होने से हम अपने जीवन को सकारात्मक दिशा में बदल सकते हैं।

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