लखनऊ, 4 अप्रैल 2025, शुक्रवार। समाजवादी पार्टी के दिग्गज नेता और उत्तर प्रदेश के पूर्व मंत्री आजम खान की मुश्किलें थमने का नाम नहीं ले रही हैं। जेल की सलाखों के पीछे रहते हुए भी उनके लिए बाहर एक नया संकट खड़ा हो गया है। आयकर विभाग ने उनके जौहर ट्रस्ट पर बड़ा शिकंजा कसा है और करीब 550 करोड़ रुपये की वसूली की तैयारी कर ली है। यह रकम रामपुर में बने जौहर विश्वविद्यालय के निर्माण में लगाई गई बेनामी संपत्ति से जुड़ी है। जांच में सामने आया कि विश्वविद्यालय के लिए खर्च हुए करीब 350 करोड़ रुपये का स्रोत ट्रस्ट स्पष्ट नहीं कर सका। अब इस रकम पर भारी जुर्माना और ब्याज के साथ आयकर विभाग वसूली करेगा।
जौहर विश्वविद्यालय का रहस्यमयी खर्च
आयकर विभाग की पड़ताल में चौंकाने वाले खुलासे हुए हैं। डेढ़ साल पहले आजम खान और उनके करीबियों के ठिकानों पर छापेमारी में जौहर विश्वविद्यालय के निर्माण में बड़े पैमाने पर गड़बड़ियों के सबूत मिले थे। विभाग ने केंद्रीय लोक निर्माण विभाग (सीपीडब्ल्यूडी) से विश्वविद्यालय के निर्माण लागत का मूल्यांकन कराया, जिसमें करीब 450 करोड़ रुपये का खर्च सामने आया। लेकिन जब जौहर ट्रस्ट के खातों की बारी आई, तो सिर्फ 100 करोड़ रुपये ही वैध स्रोत से आए होने का प्रमाण मिला। बाकी 350 करोड़ रुपये कहां से आए, इसका कोई जवाब ट्रस्ट के पास नहीं था। शैक्षणिक संस्थान होने के नाते ट्रस्ट ने इस रकम पर कोई आयकर भी जमा नहीं किया था। अब आयकर विभाग इस “अवैध” निवेश पर 30 प्रतिशत जुर्माना और ब्याज सहित पूरी रकम वसूलने जा रहा है।
जेल में आजम, बाहर संकट
आजम खान अक्टूबर 2023 से जेल में हैं और फिलहाल हरदोई जेल में बंद हैं। उन पर दलितों की संपत्ति हड़पने जैसे गंभीर आरोप हैं। जौहर विश्वविद्यालय की नींव उस वक्त रखी गई थी, जब मुलायम सिंह यादव उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री थे। तब इसे एक बड़े शैक्षणिक सपने के तौर पर पेश किया गया था, लेकिन अब यह सपना आजम के लिए मुसीबत का पहाड़ बन गया है। आयकर विभाग का यह कदम न सिर्फ ट्रस्ट की वित्तीय अनियमितताओं को उजागर करता है, बल्कि आजम खान की सियासी और व्यक्तिगत छवि पर भी गहरा आघात है।
550 करोड़ का हिसाब कौन देगा?
यह मामला सिर्फ पैसे की वसूली तक सीमित नहीं है; यह सत्ता, प्रभाव और जवाबदेही का सवाल भी उठाता है। जौहर ट्रस्ट की इस करामात ने आजम खान को एक बार फिर विवादों के केंद्र में ला खड़ा किया है। जेल में बैठे आजम के लिए यह नया झटका उनकी मुश्किलें और बढ़ाने वाला है। सवाल यह है कि क्या वे इस भारी-भरकम रकम का हिसाब दे पाएंगे, या यह मामला उनकी सियासी विरासत पर एक और दाग छोड़ जाएगा? समय ही इसकी सच्चाई सामने लाएगा, लेकिन फिलहाल तो आजम खान की मुश्किलों का सिलसिला रुकता नजर नहीं आ रहा।