नई दिल्ली, 27 जनवरी 2025, सोमवार। भारतीय आयुर्वेद में हार्ट अटैक का इलाज करने के लिए कई प्रभावी तरीके बताए गए हैं। महाऋषि वागवट जी की पुस्तक ‘अष्टांग हृदयम’ में हार्ट अटैक के कारण और उसके आयुर्वेदिक इलाज के बारे में विस्तार से बताया गया है। हार्ट अटैक का मुख्य कारण रक्त में अम्लता की अधिकता है। जब रक्त में अम्लता बढ़ जाती है, तो यह दिल की नलियों में जमा होकर ब्लॉकेज पैदा कर देती है, जिससे हार्ट अटैक होता है।
महाऋषि वागवट जी के अनुसार, हार्ट अटैक का इलाज करने के लिए क्षारीय चीजों का सेवन करना चाहिए। क्षारीय चीजें रक्त में अम्लता को कम करने में मदद करती हैं और दिल की नलियों को साफ करती हैं। लौकी एक ऐसी चीज है जो क्षारीय होती है और हार्ट अटैक के इलाज में बहुत प्रभावी है। लौकी का रस निकालकर पीने से रक्त में अम्लता कम होती है और दिल की नलियों में जमा हुआ ब्लॉकेज साफ होता है।
महाऋषि वागवट जी के अनुसार, लौकी के रस को और ज्यादा क्षारीय बनाने के लिए इसमें तुलसी, पुदीना, और काला नमक मिलाना चाहिए। यह मिश्रण रक्त में अम्लता को कम करने में बहुत प्रभावी होता है और हार्ट अटैक के खतरे को कम करता है। इस प्रकार, महाऋषि वागवट जी की पुस्तक ‘अष्टांग हृदयम’ में बताए गए आयुर्वेदिक इलाज से हार्ट अटैक का खतरा कम किया जा सकता है और दिल की सेहत को बेहतर बनाया जा सकता है।