अयोध्या, 23 मई 2025, शुक्रवार: भारतीय सेना के लेफ्टिनेंट शशांक तिवारी ने सिक्किम में एक कॉन्वॉय मिशन के दौरान अदम्य साहस का परिचय देते हुए अपने प्राणों की आहुति दे दी। अयोध्या के थाना कैंट क्षेत्र के ग्राम सभा गद्दोपुर, मझवा के निवासी शशांक अपने माता-पिता के इकलौते सुपुत्र थे। उनकी वीरता और बलिदान ने न केवल उनके गांव, बल्कि पूरे देश को गौरवान्वित किया है।
सिक्किम में एक ऑपरेशन के दौरान हुई एक बड़ी घटना में लेफ्टिनेंट शशांक ने अपने साथियों की जान बचाने के लिए असाधारण साहस दिखाया। उन्होंने अपने प्राणों की परवाह न करते हुए दूसरों की रक्षा की, लेकिन इस प्रयास में वे स्वयं वीरगति को प्राप्त हुए। उनकी इस निःस्वार्थ शहादत ने भारतीय सेना की वीरता और समर्पण की मिसाल कायम की है।
शहीद शशांक तिवारी का पार्थिव शरीर 23 मई की शाम को विशेष विमान से अयोध्या लाया जाएगा। उनका अंतिम संस्कार 24 मई को जमथरा घाट पर पूरे राजकीय सम्मान के साथ किया जाएगा। इस दुखद घड़ी में उनके परिवार, विशेषकर उनके माता-पिता, के प्रति संवेदनाएं व्यक्त की जा रही हैं। भाजपा नेता केके मिश्र सहित कई लोगों ने शहीद की आत्मा की शांति और परिवार को यह अपार दुख सहन करने की शक्ति के लिए प्रार्थना की है।
लेफ्टिनेंट शशांक तिवारी की शहादत देशवासियों के लिए प्रेरणा का स्रोत है। उनकी वीरता और बलिदान को हमेशा याद रखा जाएगा। देश उनके इस सर्वोच्च बलिदान को सलाम करता है। जय हिंद