अयोध्या, 29 दिसंबर 2024, रविवार। अयोध्या में विराजमान होने वाले रामलला की कृपा 2025 में इस धरा पर बरसेगी। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ अपने आराध्य की नगरी को पर्यटन की दृष्टि से विश्व के मानचित्र पर दर्शाने के लिए तकरीबन 6 करोड़ का प्रोजेक्ट धरातल पर उतारेंगे। इसके लिए अयोध्या विकास प्राधिकरण ने सभी 10 प्रोजेक्ट की रूपरेखा तैयार कर ली है। इन प्रोजेक्ट्स में चौराहों का सौंदर्यीकरण शामिल है, जिसमें रामायण के प्रसंगों से जुड़ी मूर्तियां और द्वार बनाए जाएंगे। इसके अलावा, परिक्रमा मार्ग पर कई अन्य परियोजनाएं भी शुरू की जाएंगी।
भव्य मंदिर में रामलला के विराजमान होने के बाद अयोध्या में प्रतिदिन बड़ी संख्या में श्रद्धालु पहुंच रहे हैं। ये श्रद्धालु राम मंदिर, हनुमामगढ़ी के अलावा अन्य मंदिरों में दर्शन पूजन करने के बाद पर्यटन स्थलों पर भी जाते हैं। इन पर्यटन स्थलों में दर्शननगर स्थित सूर्यकुंड सबसे प्रमुख है, इसके बाद गुप्तार घाट, लता चौक, और राम की पैड़ी भी श्रद्धालुओं के आकर्षण का केंद्र हैं। शासन-प्रशासन की मंशा है कि अयोध्या पहुंचने वाला हर एक श्रद्धालु यहां 5 से 6 दिन अवश्य बिताए। इस लिहाज से अयोध्या को सजाने का कार्य किया जा रहा है, जिससे यह शहर पर्यटन के मानचित्र पर एक नए मुकाम पर पहुंच सके।
प्रोजेक्ट की लागत व प्रस्तावित स्थल
शंख: यह मूर्ति परिक्रमा मार्ग पर दीनबंधु चिकित्सालय के तिराहे पर लगाई जानी है। प्रोजेक्ट की लागत 40.43 लाख है। परियोजना में आरसीसी फाउंडेशन व एफआरपी मटेरियल से बनी मूर्ति के साथ रोटरी का विकास व सुधार कार्य प्रस्तावित है।
कलश: इस मूर्ति का निर्माण जनौरा तिराहा पर किया जाना है। प्रोजेक्ट की लागत 40.43 लाख है। परियोजना में आरसीसी फाउंडेशन व एफआरपी मटेरियल से बनी मूर्ति के साथ रोटरी का विकास व सुधार कार्य प्रस्तावित है।
व्हील आफ लाइफ: प्रस्तावित मूर्ति का निर्माण परिक्रमा मार्ग नाका हनुमानगढ़ी तिराहा पर किया जाना है। प्रोजेक्ट की लागत 15.75 लाख रुपये है। परियोजना में आरसीसी फाउंडेशन व एफआरपी मटेरियल से बनी मूर्ति के साथ रोटरी का विकास व सुधार कार्य प्रस्तावित है।
सूर्य: इस मूर्ति का निर्माण परिक्रमा मार्ग दर्शन नगर में किया जाना है। प्रोजेक्ट की लागत 46.63 लाख रुपये है। परियोजना में आरसीसी फाउंडेशन व एफआरपी मटेरियल से बनी मूर्ति के साथ रोटरी का विकास व सुधार कार्य प्रस्तावित है।
चक्र: इसकी प्रस्तावित मूर्तिकला का निर्माण परिक्रमा मार्ग रामघाट चौराहे पर किया जाना है। प्रोजेक्ट की लागत 15.74 लाख रुपये है। परियोजना में आरसीसी फाउंडेशन व एफआरपी मटेरियल से बनी मूर्ति के साथ रोटरी का विकास व सुधार कार्य प्रस्तावित है।
परिक्रमा- प्रस्तावित मूर्तिकला का निर्माण परिक्रमा मार्ग अचारी का सगरा पर किया जाना है। प्रोजेक्ट की लागत 44.14 लाख रुपये है। परियोजना में आरसीसी फाउंडेशन व एफआरपी, सीएनसी आदि जैसे मिश्रित सामग्रियों से बनी मूर्ति के साथ रोटरी का विकास व सुधार कार्य प्रस्तावित है।
ओम: प्रस्तावित मूर्ति का निर्माण परिक्रमा मार्ग सहादतगंज चौराहे पर किया जाना है। प्रोजेक्ट की लागत 41.80 लाख है। परियोजना में आरसीसी फाउंडेशन व एफआरपी मटेरियल से बनी मूर्ति के साथ रोटरी का विकास व सुधार कार्य प्रस्तावित है।
रिंग- प्रस्तावित मूर्ति का निर्माण परिक्रमा मार्ग फतेहपुर तिराहा की ओर किया जाना है। प्रोजेक्ट की लागत 40.48 लाख रुपये है। परियोजना में आरसीसी फाउंडेशन व एफआरपी मटेरियल से बनी मूर्ति के साथ रोटरी का विकास व सुधार कार्य प्रस्तावित है।
तिलक द्वार: प्रस्तावित द्वार परिक्रमा मार्ग हनुमान गुफा पर किया जाना है। प्रोजेक्ट की लागत 1.89 करोड़ रुपये है। गेट के लिए पाइल, आरसीसी,पाइलकैप, और कालम के साथ माइल्ड स्टील फ्रेम्ड ट्रस स्ट्रक्चर प्रस्तावित है। गेट का बाहरी हिस्सा एफआरपी द्वारा निर्माण होगा।
सूर्य द्वार: प्रस्तावित द्वार 14 कोसी परिक्रमा मार्ग पर सूर्य कुंड के पास बनाया जाना है। प्रोजेक्ट की लागत 1.05 करोड़ रुपये है। गेट के लिए पाइल, आरसीसी,पाइलकैप और कॉलम के साथ माइल्ड स्टील फ्रेम्ड ट्रस स्ट्रक्चर प्रस्तावित है। गेट का बाहरी हिस्सा एफआरपी द्वारा निर्माण होगा।
चमकेगा तिलक, सूर्य की तरह रोशन कर देगा द्वार
अयोध्या के राजा श्रीराम से ही जोड़कर दोनों द्वारों का निर्माण प्रस्तावित किया गया है। तिलक द्वार का तिलक ठीक उसी तरह चमकेगा, जैसे प्रभु राम के मस्तक पर तिलक चमकता था। इस द्वार की डिजाइन उसी तर्ज पर की गई है। सूर्य द्वार का प्रारूप सूर्यवंश का प्रतिनिधित्व करेगा। अयोध्या विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष अश्विनी पांडेय ने बताया कि रामनगरी को उसकी गरिमा के अनुरूप ही संजाया-संवारा जा रहा है। जब यह प्रोजेक्ट बनकर तैयार हो जाएगा तो अयोध्या समृद्धतम होने के साथ और अनोखी दिखेगी।