लखनऊ, 2 जून 2025, सोमवार: उत्तर प्रदेश सरकार किसानों की आय बढ़ाने के लिए एक अभिनव नीति ला रही है। इस नीति के तहत गन्ने की खोई, धान की भूसी और गेहूं के भूसे से सस्टेनेबल एविएशन फ्यूल (एसएएफ) यानी बायो जेट फ्यूल बनाने के लिए औद्योगिक इकाइयां स्थापित की जाएंगी। इससे प्रदेश के लगभग 2.5 करोड़ किसानों को सीधा लाभ होगा।
हाल ही में लखनऊ के होटल ताज में इन्वेस्ट यूपी ने बायो जेट फ्यूल के उत्पादन की संभावनाओं पर एक उच्चस्तरीय गोलमेज सम्मेलन आयोजित किया। इस दौरान यूपी सस्टेनेबल एविएशन फ्यूल विनिर्माण प्रोत्साहन नीति-2025 प्रस्तुत की गई, जो देश में अपनी तरह की पहली नीति होगी। सम्मेलन में मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह की अध्यक्षता में हरित ऊर्जा क्षेत्र की संभावनाओं पर चर्चा हुई, जिसमें प्रमुख निवेशक, उद्योग प्रतिनिधि और नीति विशेषज्ञ शामिल हुए।
मुख्य सचिव ने बताया कि यह नीति यूपी की समृद्ध कृषि संपदा, मजबूत बुनियादी ढांचे और अनुकूल औद्योगिक नीतियों का लाभ उठाकर प्रदेश को बायो जेट फ्यूल का प्रमुख उत्पादन केंद्र बनाएगी। नीति में निवेशकों के लिए प्रोत्साहन और सुविधाओं पर जोर दिया गया।
इस पहल से किसानों को नए बाजार अवसर मिलेंगे। गन्ने की खोई, धान की भूसी, गेहूं का भूसा और अधिशेष अनाज की मांग बढ़ने से स्थानीय स्तर पर कच्चा माल खरीदा जाएगा, जिससे ग्रामीण आय में वृद्धि होगी और किसानों को बेहतर मूल्य मिलेगा। मुख्य सचिव ने कहा, “यह नीति न केवल हरित ऊर्जा को बढ़ावा देगी, बल्कि किसानों की आय बढ़ाकर एक हरित भविष्य का निर्माण भी करेगी।”
सम्मेलन में इन्वेस्ट यूपी ने भूमि की उपलब्धता, नीति निर्माण और व्यापार की सहजता जैसे मुद्दों पर विस्तृत प्रस्तुति दी। निवेशकों के सुझावों को भी नीति में शामिल करने का आश्वासन दिया गया। यह पहल यूपी को हरित ऊर्जा और कृषि आधारित अर्थव्यवस्था में अग्रणी बनाने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम है।