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Sunday, July 6, 2025

उत्तराखंड में हिमस्खलन का कहर: आठ मजदूरों की मौत, 46 को बचाया गया

सुरक्षित बचे मजदूरों ने सीएम के प्रयासों को सराहा
देहरादून, 2 मार्च 2025, रविवार। उत्तराखंड के चमोली में माणा कैम्प के पास हुए हिमस्खलन में मरने वाले मजदूरों की संख्या आठ हो गई है। रविवार की सुबह चार लापता श्रमिकों की तलाश का अभियान शुरू हुआ था, जिसमें सभी चार मजदूरों की मौत हो गई। इससे पहले चार अन्य मजदूरों की मौत हो गई थी। उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने आठ मजदूरों की मौत पर शोक जाहिर करते हुए चुनौती पूर्ण कार्य से 46 लोगों की जान बचाने के लिए बचाव दलों की सराहना की। सुरक्षित बचाए गए मजदूरों ने सरकार के रेस्कयू अभियान का आभार जताया है। इस हिमस्खलन में 54 मजदूर बर्फ के नीचे दब गए थे, जिनमें से 46 मजदूरों को बचा लिया गया है। बचाव अभियान में भारतीय सेना, वायु सेना, एनडीआरएफ, एसडीआरएफ, और जिला प्रशासन के अधिकारी शामिल हैं।
पहले इलाज के दौरान चार मजदूरों की हुई थी मौत
चमोली में माणा कैम्प के पास शुक्रवार को हिमस्खलन हुआ था। इस दौरान वहां काम कर रहे 54 मजदूर बर्फ में दब गए थे। सीएम धामी की निगरानी में बचाव व राहत कार्य मे दिन रात लगे दलों ने 50 लोगों को बाहर निकाल लिया। इसमें चार मजदूरों ने इलाज के दौरान दम तोड़ दिया था। मृतकों में यूपी के मंजीत यादव, हिमाचल प्रदेश के जितेंद्र सिंह व मोहिंदर पाल और उत्तराखंड के आलोक यादव शामिल थे।
अत्याधुनिक उपकरणों के सहारे रविवार को खोजे गए चार अन्य मजदूरों ने भी दम तोड़ा
सचिव आपदा प्रबंधन एवं पुनर्वास विनोद कुमार सुमन ने बताया कि रविवार की सुबह सात बजे रेस्कयू ऑपरेशन शुरू हुआ था। इसमें हेलीकॉप्टर व अत्याधुनिक उपकरणों की मदद लेकर बर्फ में दबे चार अन्य लापता मजदूरों को तलाश लिया गया। इन्हें अस्पताल ले जाया गया जहां उनकी मौत हो गई। इनमें हिमाचल प्रदेश ऊना जिले के हर्मेश चंद, उत्तराखंड उधम सिंह नगर के अनिल कुमार व फतेहपुर जिले के अशोक पासवान व देहरादून के निवासी अरविंद कुमार सिंह शामिल हैं। इस तरह मरने वालों की संख्या अब आठ हो गई है।
सुरक्षित मजदूरों ने कहा – रेस्कयू अभियान और सीएम के प्रयासों से बची जान
हिमस्खलन में सुरक्षित बचाये गए मजदूरों ने सीएम धामी के प्रति रेस्कयू अभियान से जीवन बचाने के लिए आभार जताया है। ज्योतिर्मठ स्थिति सेना के अस्पताल में भर्ती पिथौरागढ़ के रहने वाले गणेश कुमार कहते हैं कि मैंने जीवन की आस ही छोड़ दी थी लेकिन सरकार के रेस्क्यू अभियान के कारण मैं सुरक्षित बच गया। उत्तरकाशी के रहने वाले मनोज भंडारी व मुरादाबाद के विजयपाल हादसे को याद कर सिहर जाते हैं। उनका कहना है कि अगर राहत कार्य इतने बड़े पैमाने पर न चलाया जाता तो शायद हमारी जान न बचती। अब हम फिर से परिवार के साथ रह सकेंगे। दोनों ने सीएम के प्रयासों और बचाव दलों की मेहनत को सराहा।
सीएम ने मजदूरों की जान बचाने वाले बचाव दलों को सराहा
सीएम पुष्कर सिंह धामी ने कहा सभी बचाव दलों ने आपसी समन्वय से काम किया और खराब मौसम के बीच राहत कार्यों को जारी रखा। इसी का परिणाम ये रहा कि 46 लोगों की जान बच गई। भारी बर्फबारी के बीच बचाव कार्य बेहद चुनौतीपूर्ण हो गया था जिसे पूरी निष्ठा के साथ दलों ने अंजाम तक पहुंचाया।
ब्रिगेडियर मंदीप ढिल्लन बोले-72 घंटे दिन रात चला रेस्कयू ऑपरेशन
चमोली के माणा रेस्कयू ऑपरेशन से जुड़े आइबेक्स ब्रिगेड के ब्रिगेडियर मंदीप ढिल्लन ने कहा कि भारतीय सेना ने आईटीबीपी, एनडीआरएफ बॉर्डर रोड आर्गेनाइजेशन एयर फोर्स व अन्य एजेंसियों के साथ शुक्रवार की सुबह सूचना मिलने के बाद ही रेस्कयू शुरू किया था। 72 घण्टे तक दिन रात बचाव कार्य चलाया गया। सेना मृतकों के परिवारों के प्रति पूरी संवेदना रखती है। हमने पूरी कोशिश की लेकिन आठ लोगों की जान नहीं बचाई जा सकी।

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