रांची, 7 जून 2025, शनिवार: झारखंड के रांची के एक छोटे से गांव में, जहां शादी की शहनाइयों की गूंज हवा में तैर रही थी, एक मासूम बच्ची की जिंदगी पर काला साया पड़ गया। पांच साल की नन्हीं सी जान, जो शायद सिर्फ खेल और मासूम हंसी का मतलब समझती थी, उसे एक शैतान ने अपनी हवस का शिकार बना लिया। यह दिल दहलाने वाली घटना झारखंड की राजधानी रांची से 50 किलोमीटर दूर चान्हो के एक गांव में हुई, जहां एक विवाह समारोह की चकाचौंध के बीच एक 25 साल का वहशी, नशे की धुंध में डूबा, मानवता को शर्मसार कर गया।
मासूमियत पर हमला, आम का लालच बना जाल
पुलिस की मानें तो यह राक्षसी कृत्य शुक्रवार की शाम हुआ। आरोपी, जो उसी गांव का निवासी है, ने मासूम बच्ची को आम का लालच देकर पास के बगीचे में ले गया। वहां, उसने नन्हीं बच्ची के साथ वह घिनौना अपराध किया, जो हर सुनने वाले के दिल को चीर देता है। लेकिन कहानी यहीं खत्म नहीं हुई। गांव वालों की आंखों में आग और दिलों में गुस्सा भड़क उठा। उन्होंने उस दरिंदे को पकड़कर जमकर पीटा, जैसे कि उनका गुस्सा उसकी सजा का पहला हिस्सा बन गया हो। फिर पुलिस ने उसे भीड़ के चंगुल से निकालकर हिरासत में लिया।
पुलिस की कार्रवाई और ग्रामीणों का गुस्सा
चान्हो थाने के प्रभारी चंदन कुमार गुप्ता ने बताया कि बच्ची की मेडिकल जांच देर रात कराई गई, और आरोपी को शनिवार को कोर्ट में पेश करने की तैयारी है। पुलिस ने पॉक्सो एक्ट के तहत मामला दर्ज कर लिया है, और जांच में यह भी सामने आया कि अपराध के वक्त आरोपी नशे में धुत्त था। लेकिन क्या नशा इस जघन्य अपराध का बहाना बन सकता है? यह सवाल हर उस इंसान के मन में कौंध रहा है, जो इस खबर को सुन रहा है।
ग्रामीणों का आक्रोश और सवालों का सैलाब
गांव में गुस्से की लहर दौड़ रही है। लोग सवाल उठा रहे हैं—कैसे एक मासूम बच्ची को निशाना बनाया जा सकता है? कैसे एक शादी का खुशी भरा माहौल इस तरह की क्रूरता का गवाह बन गया? पुलिस ने भले ही आरोपी को गिरफ्तार कर लिया हो, लेकिन ग्रामीणों का गुस्सा और बच्ची के परिवार का दर्द अभी थमा नहीं है। यह घटना सिर्फ एक अपराध की कहानी नहीं, बल्कि समाज के लिए एक चेतावनी है—कि हमें अपनी मासूमियत की रक्षा के लिए और सजग होना होगा।
आगे क्या?
जैसे ही यह खबर फैल रही है, लोग इंसाफ की मांग कर रहे हैं। बच्ची का परिवार सदमे में है, और समाज में उबाल है। यह घटना हमें याद दिलाती है कि हमें अपने आसपास के माहौल को और सुरक्षित करना होगा, ताकि कोई और मासूम इस तरह की क्रूरता का शिकार न बने। क्या यह घटना हमें जगा पाएगी? यह सवाल समय के गर्भ में है।