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Thursday, April 25, 2024

मध्यम वर्ग के लिए कम से कम इनकम टैक्स के मामले में कुछ अच्छे दिन आते दिख रहे हैं।

इनकम टैक्स। वेतनशुदा मध्यमवर्ग के लिए सबसे तकलीफदेह यही होता है। इस मध्यम वर्ग के लिए कम से कम इनकम टैक्स के मामले में कुछ अच्छे दिन आते दिख रहे हैं। वजह है वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के बजट भाषण में आयकर को लेकर पांच बड़े एलान।

अब सात लाख तक कोई टैक्स नहीं

अभी जिनकी पांच लाख रुपये की कर योग्य आमदनी है, उन्हें दोनों कर व्यवस्था में कोई टैक्स नहीं देना होता था। अब यह लिमिट सात लाख रुपये होगी। छूट की यह सीमा नई कर व्यवस्था में बढ़ाई गई है। पुराने रिजीम के स्लैब में बदलाव को लेकर कोई एलान नहीं किया है।

इनकम टैक्स का स्लैब बदला

नए रिजीम में आयकर में छूट की शुरुआती सीमा को बढ़ाकर तीन लाख रुपये कर दिया गया है। पहले यह सीमा ढाई लाख रुपये थी।

स्टैंडर्ड डिडक्शन

पेंशनर्स, फैमिली पेंशनर्स और तय वेतन पाने वाले लोगों को नई व्यवस्था में स्टैंडर्ड डिडक्शन में थोड़ी राहत मिलेगी। अगर आपकी आय 15.58 लाख रुपये या उससे ज्यादा है तो स्टैंडर्ड डिडक्शन में 52,500 रुपये का फायदा होगा। पहले स्टैंडर्ड डिडक्शन 50,000 रुपये था।

सुपर रिच टैक्स घटा

सबसे ज्यादा आमदनी वालों के लिए टैक्स रेट 42.74% है, जो दुनिया में सबसे ज्यादा था। इसे अब घटाकर 37% किया जा रहा है। अब यह भी जान लेते हैं कि यह फायदा मिलेगा कैसे? दरअसल, सुपर रिच लोगों के लिए हायर सरचार्ज रेट को 37% से घटाकर 25% किया जा रहा है। इस तरह पहले 42.74% लगने वाला सुपर रिच टैक्स अब 37% होगा।

लीव एनकैशमेंट

गैर-सरकारी वेतनशुदा कर्मचारियों को रिटायरमेंट पर लीव एनकैशमेंट में आयकर छूट की सीमा 2002 में तीन लाख रुपये तय की गई थी। उस वक्त सरकार में उच्चतम बेसिक पे 30 हजार रुपये होती थी। इस सीमा को बढ़ाकर 25 लाख रुपये किया जा रहा है। यानी 25 लाख रुपये तक के लीव एनकैशमेंट पर टैक्स नहीं लगेगा।

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Anita Choudhary is a freelance journalist. Writing articles for many organizations both in Hindi and English on different political and social issues

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