असम में कांग्रेस नेताओं और विधायकों के पार्टी छोड़ने का सिलसिला जारी है। ऊपरी असम की थौरा सीट से जीतने वाले कांग्रेस विधायक सुशांत बोरगोहेन के भाजपा में जाने की अटकलें थीं। उन्हें पार्टी के कारण बताओ नोटिस का जवाब देना था लेकिन उससे पहले उन्होंने पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे दिया है। 28 जुलाई को पार्टी ने उन्हें कारण बताओ नोटिस जारी किया था। शिवसागर जिले के थौरा से कांग्रेस विधायक बोरगोहेन को 31 जुलाई या उससे पहले अपनी स्थिति स्पष्ट करने को कहा गया था।
हम कानून विशेषज्ञों की राय ले रहे-असम कांग्रेस प्रमुख
असम कांग्रेस प्रमुख भूपेन बोरा ने बताया, उन्हें कारण बताओ नोटिस दिया गया, जिसके जवाब में उन्होंने प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे दिया। हम इस मामले पर कानूनी विशेषज्ञों से बात कर रहे हैं। कांग्रेस विधायक को कारण बताओ नोटिस में पूछा गया था कि असम प्रदेश कांग्रेस कमेटी के संज्ञान में यह बात आई है कि आप जल्द ही भाजपा में शामिल होने जा रहे हैं। ऐसा बयान भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष श्री भाबेश कलिता ने एक बयान दिया है। इसलिए आप 31 जुलाई से पहले अपना रूख साफ करें।
कई नेताओं ने छोड़ दी पार्टी
अगर बोर्गोहेन कांग्रेस छोड़ कर भगवा पार्टी में शामिल हो जाते हैं, तो वह ऐसा करने वाले दूसरे कांग्रेस विधायक होंगे, जब मई में हेमंत बिस्वा सरमा के नेतृत्व वाली भाजपा के नेतृत्व वाली गठबंधन सरकार ने पदभार संभाला था। चार बार के विधायक रूपज्योति कुर्मी, जो कांग्रेस में चाय जनजाति समुदाय के एकमात्र विधायक थे, ने 18 जून को विधायक के रूप में इस्तीफा दे दिया था और 21 जून को भाजपा में शामिल हो गए थे।
एक अन्य वरिष्ठ कांग्रेस नेता, जूरी शर्मा बोरदोलोई, जो गुवाहाटी जिला अध्यक्ष थे, ने भी कुर्मी की तरह उसी दिन पार्टी छोड़ दी थी और दो जुलाई को सत्ताधारी पार्टी की सदस्यता ली थी। पूर्व मंत्री राजीव लोचन पेगू ने भी भाजपा में जाने की चर्चा के बीच छह जुलाई को कांग्रेस की माजुली जिला इकाई के अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया था।