टीम इंडिया के अनुभवी स्पिन गेंदबाज रविचंद्रन अश्विन ने विराट कोहली का बचाव किया है। उन्होंने कहा कि कप्तान ने केवल अपनी राय व्यक्त की थी कि विश्व टेस्ट चैम्पियनशिप (डब्ल्यूटीसी) फाइनल एक टेस्ट के बजाय ‘बेस्ट ऑफ थ्री’ श्रृंखला होना चाहिए लेकिन कभी इसके प्रारूप को बदलने की मांग नहीं की थी। अश्विन ने अपने यूट्यूब चैनल पर कहा, ‘मैंने सुना कि लोग कह रहे हैं कि विराट कोहली ने कहा है कि डब्ल्यूटीसी के लिए तीन टेस्ट खेले जाने चाहिए, लेकिन यह हास्यास्पद है। मैच खत्म होने के बाद माइकल एथरटन (इंग्लैंड के पूर्व खिलाड़ी और मशहूर क्रिकेट लेखक) ने उनसे पूछा कि वह डब्ल्यूटीसी में क्या चीज अलग तरह से कर सकते थे।’ अश्विन ने कहा, ‘विराट ने इस विशेष संदर्भ में उत्तर दिया कि अगर तीन मैच खेले जाते हैं तो एक टीम के लिए परिस्थितियों के अनुकूल होना और वापसी संभव होती है। लेकिन उन्होंने इसकी मांग नहीं की थी।’
बता दें कि न्यूजीलैंड ने डब्ल्यूटीसी फाइनल में भारत को आठ विकेट से हराया था। हार के बाद कोहली ने कहा था कि दुनिया की सर्वश्रेष्ठ टेस्ट टीम का निर्णय शुरुआती चरण में हुए एकमात्र टेस्ट मैच के बजाय ‘बेस्ट ऑफ थ्री’ से होना चाहिए। कोहली ने प्रेस कान्फ्रेंस में कहा था, ‘मैं इसका पक्षधर नहीं हूं कि दुनिया की सर्वश्रेष्ठ टेस्ट टीम का निर्धारण एक फाइनल मैच से हो।’ उन्होंने कहा, ‘अगर टेस्ट श्रृंखला है तो तीन टेस्ट से ही पता चलता है कि किस टीम में वापसी की क्षमता है। ऐसा नहीं होता कि दो दिन अच्छा खेले और फिर आप अचानक अच्छी टेस्ट टीम नहीं हैं। मैं यह नहीं मानता।’
कोहली ने कहा था, ‘भविष्य में इस पर विचार किया जाना चाहिए। तीन मैचों में प्रयास होते हैं, उतार चढाव होते हैं, हालात बदलते हैं। गलतियों को सुधारने का मौका मिलता है। इसके बाद पता चलता है कि सर्वश्रेष्ठ टीम कौन सी है।’ उन्होंने यह भी कहा कि न्यूजीलैंड से मिली हार उनकी टीम की दो साल की उपलब्धियों का सही चित्रण नहीं करती। उन्होंने कहा, ‘हम इस नतीजे से परेशान नहीं हैं। हमने पिछले तीन चार साल में अच्छा प्रदर्शन किया है। यह मैच हमारी क्षमता और काबिलियत का सही चित्रण नहीं करता।’ बता दें कि डब्ल्यूटीसी टीम का हिस्सा रहे भारतीय खिलाड़ी इस समय तीन हफ्ते के ब्रेक पर हैं। इसके बाद वे चार अगस्त से नॉटिघंम में इंग्लैंड के खिलाफ शुरू हो रही पांच टेस्ट मैचों की श्रृंखला के लिये 14 जुलाई को इकट्ठा होंगे।