नई दिल्ली, 23 मई 2025, शुक्रवार। पंजाब की सियासत में एक बार फिर हड़कंप मच गया है। आम आदमी पार्टी (AAP) के जालंधर सेंट्रल से विधायक रमन अरोड़ा को पंजाब विजिलेंस ब्यूरो ने शुक्रवार को गिरफ्तार कर लिया। यह कार्रवाई तब हुई, जब रमन अरोड़ा एक मंदिर में पूजा करने गए थे। उनके खिलाफ गंभीर आरोप हैं कि वह नगर निगम के असिस्टेंट टाउन प्लानर सुखदेव वशिष्ठ के साथ मिलकर फर्जी नोटिस जारी कर लोगों से उगाही का गोरखधंधा चला रहे थे।
फर्जी नोटिस और उगाही का खेल
विजिलेंस ब्यूरो के सूत्रों के अनुसार, रमन अरोड़ा ने सुखदेव वशिष्ठ को इस काले कारनामे का मुख्य मोहरा बनाया था। आरोप है कि दोनों मिलकर बेगुनाह लोगों को फर्जी नोटिस भेजते थे। इसके बाद “सेटलमेंट” के नाम पर मोटी रकम वसूली जाती थी। यह संगठित भ्रष्टाचार का ऐसा जाल था, जिसमें कई लोग शिकार बने। सूत्रों का दावा है कि अरोड़ा ने कई अधिकारियों को इस गैरकानूनी धंधे में शामिल किया था, और अब विजिलेंस ब्यूरो की नजर उन पर भी है। जल्द ही इस मामले में और गिरफ्तारियां हो सकती हैं।
छापेमारी और सुरक्षा वापसी का संकेत
रमन अरोड़ा की गिरफ्तारी के बाद विजिलेंस ब्यूरो ने उनके आवास पर छापेमारी की और कई अहम दस्तावेज जब्त किए। दिलचस्प बात यह है कि उनकी गिरफ्तारी से 10 दिन पहले ही पंजाब सरकार ने उनकी सुरक्षा वापस ले ली थी। अरोड़ा के पास 14 सुरक्षाकर्मी तैनात थे, जिन्हें सरकार के आदेश पर हटा दिया गया। तभी से कयास लगाए जा रहे थे कि सरकार उनके खिलाफ कोई बड़ा कदम उठाने की तैयारी में है। अब उनकी गिरफ्तारी ने इन अटकलों को सच साबित कर दिया है।
रमन अरोड़ा लंबे समय से थे रडार पर
सूत्रों का कहना है कि रमन अरोड़ा काफी समय से विजिलेंस ब्यूरो की नजर में थे। उनकी गतिविधियों पर बारीकी से निगरानी रखी जा रही थी, और पुख्ता सबूत जुटाने के बाद यह कार्रवाई की गई। जालंधर सेंट्रल से AAP के टिकट पर चुने गए अरोड़ा का यह कदम उनकी पार्टी के लिए भी बड़ा झटका माना जा रहा है। भ्रष्टाचार के खिलाफ जीरो टॉलरेंस की बात करने वाली AAP के लिए यह मामला सियासी तौर पर भी नुकसानदेह हो सकता है।