गलवान घाटी,वह इलाका जहां पांच जून 2020 को भारत व चीनी सैनिकों के बीच हिंसक झड़प हुई थी। इसके बाद से ही दोनों देशों के बीच तनाव अपने चरम पर पहुंच गया, लेकिन एक बार फिर से प्रोपेगेंडा वार के जरिए चीन ने भारत को उकसाने की कोशिश की है। इन दिनों सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हो रहा है। इसमें चीनी सैनिक गलवान घाटी पर चीनी झंडा फहराते हुए देखे जा सकते हैं। दावा किया जा रहा है यह वीडियो नए साल का है और जिस जगह पर झंडा फहराया जा रहा है वह गलवान घाटी ही है, जहां पर सैनिकों के बीच हिंसक झड़प हुई थी।
सेना ने बताई सच्चाई
एनडीटीवी ने एक रिपोर्ट में सेना के सूत्रों के हवाले से दावा किया है कि नए साल के मौके पर चीन ने यह झंडा गलवान घाटी के विवादित क्षेत्र में नहीं फहराया है। रिपोर्ट में कहा गया है चीन ने गलवान घाटी के अपने गैर विवादित हिस्से में झंडा फहराया है न कि गलवान में नदी के उस मोड़ के पास जहां पर भारत-चीन सैनिकों के बीच संघर्ष हुआ था।
विपक्ष ने खड़े किए सवाल
सोशल मीडिया पर वीडियो वायरल होते ही विपक्ष एक बार फिर से सरकार पर हमलावर हो गया है। कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने ट्वीट किया है कि ‘गलवान घाटी पर हमारा तिरंगा ही अच्छा लगता है। चीन को जवाब देना ही होगा। मोदी जी, चुप्पी तोड़ो।’ इसके अलावा यूथ कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्रीनिवास बी ने भी ट्विटर पर लिखा है कि ‘नव वर्ष के मौके पर भारत की गलवान घाटी में चीनी झंडा फहराया गया। 56 इंच का चौकीदार कहां है?’
दो किमी पीछे हटी थीं दोनों सेनाएं
जून में हुई हिंसक झड़प के बाद दोनों देशों की सेनाएं दो-दो किमी पीछे हटने को तैयार हो गई थीं। इसके बाद एनएसए अजीत डोभाल व चीन के विदेश मंत्री वांग यी के बीच वार्ता भी हुई थी। इसके बाद दोनों देशों की सेनाओं के विवादित क्षेत्र से दो-दो किमी पीछे हडने की पुष्टि भी हुई थी।