सैन्य भर्ती में जाति व धर्म प्रमाण पत्र मांगे जाने पर सेना ने सफाई दी है। सैन्य अधिकारियों का कहना है कि अग्निपथ योजना के तहत सैन्य भर्ती प्रक्रिया में कोई बदलाव नहीं किया गया है। पहले भी जाति व धर्म प्रमाण पत्र मांगा जाता रहा है। दरअसल, अग्निपथ योजना के लिए जाति व धर्म प्रमाण पत्र मांगे जाने पर सियासत शुरू हो गई थी।
आप सांसद संजय सिंह व जदयू नेता उपेंद्र कुशवाहा ने सैन्य भर्ती से संबंधित एक स्क्रीन शॉट को शेयर कर योजना पर सवाल खड़े किए थे। दोनों ने कहा था कि सैन्य भर्ती में जाति व धर्म प्रमाण पत्र की क्या जरूरत है। संजय सिंह ने दावा किया था कि भारत के इतिहास में पहली बार सैन्य भर्ती में जाति प्रमाण पत्र मांगा जा रहा है।
क्यों मांगा जाता है धर्म प्रमाण पत्र
सैन्य भर्ती में धर्म प्रमाण पत्र मांगे जाने पर सेना के एक अधिकारी ने कहा कि प्रशिक्षण व तैनाती के दौरान शहीद होने वाले सैनिकों का अंतिम संस्कार करने के लिए धर्म का पता होना आवश्यक होता है। इससे उनका अंतिम संस्कार उसी धर्म के मुताबिक किया जाता है।
वरुण गांधी ने खड़े किए सवाल
भाजपा सांसद वरुण गांधी ने भी सैन्य भर्ती में जाति प्रमाण पत्र मांगे जाने पर सवाल खड़े किए हैं। उन्होंने कहा, सेना में किसी भी तरह का कोई आरक्षण नहीं है पर अग्निपथ की भर्तियों में जाति प्रमाण पत्र मांगा जा रहा है। क्या अब हम जाति देख कर किसी की राष्ट्रभक्ति तय करेंगे? सेना की स्थापित परंपराओं को बदलने से हमारी राष्ट्रीय सुरक्षा पर जो प्रभाव पड़ेगा उसके बारे में सरकार को सोचना चाहिए।
संजय सिंह ने क्या कहा था?
संजय सिंह ने अपने ट्विटर हैंडल पर सेना बहाली के जुड़ा एक स्क्रीन शॉट शेयर किया। उन्होंने लिखा, “मोदी सरकार का घटिया चेहरा देश के सामने आ चुका है। क्या मोदी जी दलितों, पिछड़ों, आदिवासियों को सेना भर्ती के क़ाबिल नही मानते? भारत के इतिहास में पहली बार सेना भर्ती में जाति पूछी जा रही है। मोदी जी आपको अग्निवीर बनाना है या जातिवीर?”
क्या बाले थे जदयू नेता?
बिहार जदयू नेता व संसदीय बोर्ड के राष्ट्रीय अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा ने भी जाति प्रमाण पत्र मांगे जाने पर सवाल खड़े किए थे। उन्होंने रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह से इस पर स्पष्टीकरण मांगा। उन्होंने अपने ट्विटर हैंडल पर लिखा, सेना की बहाली में जाति प्रमाण पत्र की क्या जरूरत है, जब इसमें आरक्षण का कोई प्रावधान ही नहीं है। संबंधित विभाग के अधिकारियों को स्पष्टीकरण देना चाहिए।