लखनऊ, 3 जुलाई 2025: उत्तर प्रदेश की सियासत में इन दिनों हलचल मची हुई है। एनडीए की सहयोगी और केंद्रीय मंत्री अनुप्रिया पटेल की अगुवाई वाली अपना दल (सोनेलाल) में टूट की खबरों ने जोर पकड़ा है। मंगलवार को पार्टी के कुछ बागी नेताओं ने ‘अपना मोर्चा’ नाम से नया फ्रंट बनाकर सियासी भूचाल ला दिया। लेकिन अनुप्रिया पटेल ने इस साजिश को करारा जवाब देते हुए पार्टी कार्यकर्ताओं से एकजुट रहने और साजिशकर्ताओं से सावधान रहने की अपील की है।

‘हम साजिश से नहीं डरते’
लखनऊ के रवींद्रालय में डॉ. सोनेलाल पटेल की जयंती पर आयोजित ‘जन स्वाभिमान दिवस’ कार्यक्रम में अनुप्रिया ने बगावत की कोशिशों को ध्वस्त करने का संकल्प जताया। उन्होंने कहा, “विरोध और षड्यंत्र केवल शक्तिशाली और ईमानदार लोगों के खिलाफ रचे जाते हैं। हमारी पार्टी सामाजिक न्याय के लिए अडिग है और किसी साजिश से डरने वाली नहीं।” अनुप्रिया ने कार्यकर्ताओं से अपना दल (एस) को यूपी की नंबर एक पार्टी बनाने का आह्वान किया।
आशीष पटेल ने भी दी चेतावनी
पार्टी के कार्यकारी अध्यक्ष और योगी सरकार में कैबिनेट मंत्री आशीष पटेल ने भी बागियों को इशारों में कड़ा संदेश दिया। उन्होंने कहा, “हम सामाजिक न्याय के लिए प्रतिबद्ध हैं और हर पीड़ित के साथ खड़े हैं। साजिशों का जवाब देने के लिए हम पूरी तरह तैयार हैं।” आशीष ने बागी नेताओं की कोशिशों को ‘षड्यंत्र’ करार देते हुए कार्यकर्ताओं से एकजुटता बनाए रखने की अपील की।

जाति जनगणना पर जोर, केंद्र की तारीफ
अनुप्रिया ने अपने पिता और पार्टी के संस्थापक डॉ. सोनेलाल पटेल के सपने को दोहराते हुए जाति जनगणना को सामाजिक और आर्थिक लोकतंत्र की दिशा में महत्वपूर्ण कदम बताया। उन्होंने केंद्र सरकार के इस दिशा में उठाए गए कदमों की सराहना की। अनुप्रिया ने कहा, “हमारी पार्टी शुरू से ही जाति जनगणना की समर्थक रही है। यह सामाजिक न्याय का आधार है।”
13 विधायकों के साथ एनडीए में मजबूत स्थिति
उत्तर प्रदेश विधानसभा में अपना दल (एस) के 13 विधायक हैं, और यह एनडीए का मजबूत सहयोगी है। अनुप्रिया ने कार्यकर्ताओं से सिद्धांतों पर अडिग रहने और पार्टी की लोकप्रियता को जन-जन तक पहुंचाने का आह्वान किया। उन्होंने जोर देकर कहा कि बागी तत्वों की साजिशें पार्टी के इरादों को कमजोर नहीं कर सकतीं।
सियासी हलकों में चर्चा
सियासी गलियारों में अनुप्रिया की इस दो टूक चेतावनी को लेकर चर्चाएं तेज हैं। बागी नेताओं के ‘अपना मोर्चा’ के ऐलान के बाद यह देखना दिलचस्प होगा कि अपना दल (एस) इस आंतरिक संकट से कैसे निपटता है। फिलहाल, अनुप्रिया और आशीष पटेल का सख्त रुख बागियों के लिए साफ संदेश है कि पार्टी में अनुशासन और एकता सर्वोपरि है।