कानपुर सिख विरोधी दंगों में शामिल पूर्व मंत्री के भतीजे राघवेंद्र सिंह कुशवाहा की तलाश में सोमवार देर रात एसआईटी ने घाटमपुर के तीन ठिकानों पर दबिश दी। राघवेंद्र हाथ नहीं आया। वह दबिश से पहले ही फरार हो गया। हालांकि नरसंहार में शामिल दो अन्य आरोपी गिरफ्त में आ गए। एसआईटी ने दोनों को गिरफ्तार कर लिया। मंगलवार को दोनों कोर्ट में पेश किए गए जहां से वह जेल भेजे गए।
31 अक्तूबर 1984 को तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की हत्या कर दी गई थी। इसके बाद सिख विरोधी दंगे भड़क गए थे। कानपुर में 127 सिखों की हत्या की गई थी। इसमें निराला नगर में तिहरे हत्याकांड को अंजाम दिया गया था। रक्षपाल सिंह, भूपेंद्र सिंह और सतवीर सिंह उर्फ काले शामिल हैं। एसआईटी ने मामले में पिछले सप्ताह चार आरोपी सैफुल्ला, अब्दुल रहमान, विजय नारायण व योगेंद्र सिंह को जेल भेजा था।