वाराणसी, 8 अक्टूबर, मंगलवार। बीते दिन बीएचयू के 13 छात्रों के निलंबन का मामला अब और भी गर्म होने लगा है। निलंबित छात्रों के समर्थन में जेएनयू और लखनऊ से आए नेताओं का गुस्सा फूट पड़ा। इस दौरान न्याय मार्च भी निकाला गया और मामले पर संसद से सड़क तक संघर्ष करने की हुंकार भरी। बता दें, गैंगरेप पीड़िता आईआईटी बीएचयू की छात्रा के लिए न्याय मांगने वाले छात्रों का 10 महीने बाद निलंबन करने का विरोध जारी है। सोमवार को सिंहद्वार पर छात्रों ने प्रदर्शन किया। इस दौरान चंदौली के सांसद वीरेंद्र सिंह और पार्टी के वरिष्ठ पदाधिकारी भी पहुंचे और छात्रों को समर्थन दिया।
छात्रों ने कहा कि गैंगरेप पीड़िता के लिए न्याय मांग रहे छात्रों के बीच अराजक तत्वों को घुसाकर मारपीट और बदसलूकी कराई गई। फिर इन्हीं के खिलाफ 10 महीने बाद एकतरफा कार्रवाई की गई। निलंबित छात्रों में आइसा से चंदा, भगत सिंह स्टूडेंट्स मोर्चा से सिद्धि और उमेश, दिशा से अमित और एनएसयूआई से सुमन आनंद नेविरोध सभा में बात रखी। एनएसयूआई के राष्ट्रीय अध्यक्ष वरुण चौधरी ने बीएचयू के छात्रों को वचन दिया कि वह हर समस्या में उनके साथ खड़े रहेंगे। कहा कि बीएचयू प्रशासन या तो इन छात्रों का निलंबन वापस ले या एक लंबी लड़ाई को तैयार रहे।
चंदौली सांसद वीरेंद्र सिंह ने कहा कि सपा पूरी तरह से निलंबित छात्रों के साथ है। मैं भिले भले ही सदन से निलंबित हो जाऊं लेकिन इस मुद्दे को उठाऊंगा, बीएचयू प्रशासन को तुगलकी फरमान वापस लेना ही पड़ेगा। जेएनयू छात्रसंघ अध्यक्ष धनंजय ने कहा कि जेएनयू और बीएचयू लगातार सरकार के गलत फैसलों के खिलाफ मुखर रहा है। इसीलिए छात्रों का दमन किया जा रहा है। समाजवादी महिला सभा की राष्ट्रीय अध्यक्ष जूही सिंह ने महिला अपराधों पर सरकार के रवैये पर सवाल उठाए। विधायक प्रभुनारायण यादव ने कहा कि समाज में गलत को गलत कहने की रवायत बनी रहे। इसके लिए हम ऐसी हर घटना का पुरजोर विरोध करेंगे। सभा के बाद छात्रों ने लंका गेट से रविदास गेट होते हुए वापस लंका तक न्याय मार्च निकाला।