नई दिल्ली, 16 जून 2025, सोमवार: नीति आयोग के पूर्व मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) और भारत के G20 शेरपा अमिताभ कांत ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है। 45 साल की समर्पित सरकारी सेवा के बाद उन्होंने नई संभावनाओं को तलाशने और जीवन में आगे बढ़ने का फैसला लिया है। कांत ने सोमवार, 16 जून 2025 को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर एक पोस्ट के माध्यम से इसकी जानकारी दी, जिसमें उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को इस्तीफा स्वीकार करने के लिए धन्यवाद दिया और विकसित भारत की यात्रा में योगदान देने की अपनी प्रतिबद्धता दोहराई।
1980 बैच के केरल कैडर के IAS अधिकारी रहे अमिताभ कांत ने अपने लंबे करियर में कई महत्वपूर्ण भूमिकाएं निभाईं। वे लगभग छह साल तक नीति आयोग के सीईओ रहे, जहां उन्होंने डिजिटल इंडिया, स्टार्टअप इंडिया, मेक इन इंडिया, और इलेक्ट्रिक वाहनों जैसे प्रमुख कार्यक्रमों में महत्वपूर्ण योगदान दिया। इसके अलावा, उन्होंने औद्योगिक नीति एवं संवर्धन विभाग (DIPP) में सचिव के रूप में भी काम किया, जहां उन्होंने स्टार्टअप इंडिया जैसी पहल की शुरुआत की।
जुलाई 2022 में कांत को केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल की जगह भारत का G20 शेरपा नियुक्त किया गया था, जब भारत ने G20 की अध्यक्षता संभाली थी। G20 शिखर सम्मेलन 2023 में भारत की मेजबानी के दौरान कांत ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। उन्होंने 300 घंटे की कठिन वार्ताओं और 16 असफल मसौदों के बाद G20 की संयुक्त घोषणा को संभव बनाया, जिसे वैश्विक मंच पर भारत की कूटनीतिक सफलता के रूप में देखा गया।
अपने इस्तीफे की घोषणा में कांत ने कहा, “45 साल की समर्पित सरकारी सेवा के बाद, मैंने नई संभावनाओं को अपनाने और जीवन में आगे बढ़ने का फैसला किया है। मैं प्रधानमंत्री का आभारी हूं कि उन्होंने मेरा इस्तीफा स्वीकार किया और मुझे G20 शेरपा के रूप में भारत की परिवर्तनकारी यात्रा में योगदान देने का अवसर दिया।” उन्होंने यह भी जोड़ा कि वे भविष्य में भी विकसित भारत के लक्ष्य को साकार करने में योगदान देना जारी रखेंगे।
कांत के इस्तीफे की खबर ने सोशल मीडिया और समाचार माध्यमों में व्यापक चर्चा शुरू कर दी है। कई लोगों ने उनके योगदान की सराहना की, विशेष रूप से G20 शिखर सम्मेलन 2023 में उनकी भूमिका को लेकर। हालांकि, उनके उत्तराधिकारी के बारे में अभी तक कोई आधिकारिक घोषणा नहीं की गई है।
कांत का कार्यकाल नीति आयोग में 17 फरवरी 2016 से शुरू हुआ था और कई बार विस्तार के बाद 30 जून 2022 को समाप्त हुआ था। उनकी जगह परमेश्वरन अय्यर को नीति आयोग का नया सीईओ नियुक्त किया गया था। कांत के नेतृत्व में नीति आयोग ने सहकारी संघवाद को बढ़ावा देने और राष्ट्रीय विकास एजेंडे को गति देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
अमिताभ कांत का इस्तीफा एक युग के अंत के रूप में देखा जा रहा है, लेकिन उनकी नई यात्रा को लेकर भी उत्सुकता बनी हुई है। उनके प्रशंसक और सहयोगी उनके भविष्य के कदमों पर नजर रखे हुए हैं, यह उम्मीद करते हुए कि वे नई भूमिकाओं में भी भारत के विकास में योगदान देना जारी रखेंगे।