नई दिल्ली, 2 जनवरी 2025, गुरुवार। कश्मीर की सुंदरता और सांस्कृतिक इतिहास के बारे में दुनिया भर में एक प्रसिद्ध कहावत है – धरती पर कहीं जन्नत है तो यहीं है। यह केवल कश्मीर की प्राकृतिक सुंदरता के लिए ही नहीं कहा जाता, बल्कि इसकी वजह यहां का समृद्ध सांस्कृतिक इतिहास भी है। विवेक अग्निहोत्री की फिल्म द कश्मीर फाइल्स में भी कश्मीर के इसी सांस्कृतिक इतिहास का जिक्र किया गया है, जिसमें एक डायलॉग वायरल हुआ था – जहां शिव सरस्वती ऋषि कश्यप हुए… वो कश्मीर हमारा था… जहां पंचत्रंत्र लिखा गया… वो कश्मीर हमारा था…
तो वहीं अब, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने हाल ही में J&K and Ladakh Through the Ages पुस्तक के विमोचन के अवसर पर कश्मीर के इतिहास और संस्कृति पर महत्वपूर्ण बातें कहीं। उन्होंने कहा कि कश्मीर का नाम महर्षि कश्यप के नाम पर रखा गया था, जिन्होंने यहां तपस्या की थी और बाद में उनके सपनों का राज्य बसाया था। कश्मीर का इतिहास प्राचीन काल से ही मिलता है, और प्राचीन ग्रंथों में इसकी संस्कृति और महिमा का विस्तार से जिक्र है। इतिहास खंगालें तो पता चलता है कश्मीर घाटी में सबसे पहले कश्यप समाज का ही निवास था। महाभारत काल में गणपतयार और खीर भवानी मंदिर का भी जिक्र है। यह आज भी कश्मीर में स्थित है। स्थानीय लोग ही नहीं बल्कि कश्मीर भूमि में रुचि रखने वालों में यह आस्था का बड़ा केंद्र है।
कश्मीर की पौराणिक कथा: महर्षि कश्यप का रहस्यमयी संबंध, जानें कश्मीर घाटी के इतिहास की अनकही कहानी!
कश्मीर घाटी का महर्षि कश्यप से एक प्राचीन और पौराणिक संबंध है। कथा के अनुसार, जलोद्धव नामक एक राक्षस को ब्रह्मा का वरदान मिला था, जिससे वह उच्छृंखल हो गया और आतंक मचाने लगा। राक्षस से परेशान होकर देवताओं ने देवी भगवती से आग्रह किया, जिन्होंने पक्षी का रूप धरकर राक्षस को चोंच मार-मार कर लहूलुहान कर दिया। पक्षी ने जिस पत्थर पर राक्षस को मारा, वही हरी पर्वत कहलाया। बाद में महर्षि कश्यप वहां पहुंचे, जिन्होंने सरोवर से जल निकालकर इसकी शुद्धि की और स्थान को विकसित किया। पुराणों के अनुसार, महर्षि कश्यप हमारे प्राचीन भारतीय वांग्मय में सप्तऋषियों में से एक थे। उन्हें सृष्टि का जनक भी कहा जाता है। पुराणों के अनुसार, महर्षि कश्यप का संबंध सीधे भगवान ब्रह्मा से था। उन्होंने बहुत सारे स्मृति ग्रंथों की रचना की थी। महर्षि कश्यप की कथा कश्मीर घाटी के इतिहास और संस्कृति का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है, जो हमें हमारे प्राचीन भारतीय विरासत की याद दिलाती है।