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Saturday, March 15, 2025

यूपी सहित चार राज्यों के नदी जल बंटवारे पर अमित शाह आज करेंगे मुख्यमंत्रियों के साथ चर्चा

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह सोमवार तड़के भोपल पहुंचे। यहां सीएम शिवराज सिंह चौहान और अन्य कैबिनेट मंत्रियों ने उनका गर्मजोशी से स्वागत किया। शाह आज भोपाल में मध्य क्षेत्रीय परिषद की बैठक की अध्यक्षता करेंगे, जहां कनेक्टिविटी, बिजली, नदी जल के बंटवारे और साझा हितों के अन्य मुद्दों पर चर्चा की जाएगी।

मध्य क्षेत्रीय परिषद में मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड शामिल हैं। गृह मंत्रालय के एक अधिकारी ने कहा कि बैठक में मुख्यमंत्रियों, मंत्रियों, मुख्य सचिवों, प्रमुख सचिवों और सदस्य राज्यों और केंद्र सरकार के वरिष्ठ अधिकारी शामिल होंगे। अधिकारी ने कहा कि परिषद की बैठक में कनेक्टिविटी, बिजली, नदी जल बंटवारे और साझा हितों के अन्य मुद्दों पर चर्चा होगी।

निर्धारित प्रक्रिया और परिपाटी के अनुसार, क्षेत्रीय परिषद की बैठक से पहले परिषद की एक स्थायी समिति की बैठक होती है, जिसमें परिषद के समक्ष रखी जाने वाली कार्यसूची की जांच की जाती है और प्राथमिकता तय की जाती है। एक अन्य अधिकारी ने कहा कि नरेंद्र मोदी नीत सरकार देश में सहकारी और प्रतिस्पर्धी संघवाद को मजबूत करने और बढ़ावा देने के लिए अपनी समग्र रणनीति के तहत क्षेत्रीय परिषदों की नियमित रूप से बैठकें करती रही हैं। क्षेत्रीय परिषदें एक या अधिक राज्यों को प्रभावित करने वाले मुद्दों या केंद्र और राज्यों के बीच के मुद्दों पर व्यवस्थित तरीके से चर्चा के लिए एक मंच प्रदान करती हैं।

अधिकारी ने कहा कि पिछले आठ वर्षों में प्रधानमंत्री मोदी के मार्गदर्शन में क्षेत्रीय परिषदों और इसकी स्थायी समितियों की बैठकों की संख्या में तीन गुना वृद्धि हुई है। क्षेत्रीय परिषदें सामाजिक और आर्थिक विकास के महत्वपूर्ण मुद्दों पर राज्यों के बीच चर्चा और विचारों के आदान-प्रदान के माध्यम से एक समन्वित दृष्टिकोण विकसित करने में मदद करती हैं।

क्षेत्रीय परिषदें केंद्र और राज्यों तथा क्षेत्र में एक या कई राज्यों से जुड़े मुद्दों को उठाती हैं। इस प्रकार, क्षेत्रीय परिषदें केंद्र और राज्यों के बीच तथा क्षेत्र के कई राज्यों के बीच विवादों और परेशानियों को हल करने के लिए एक मंच प्रदान करती हैं। क्षेत्रीय परिषदों की बैठकों का इस्तेमाल राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों द्वारा अपनी सर्वोत्तम कार्य प्रणाली को साझा करने के लिए किया जाता है। परिषदें व्यापक मुद्दों पर भी चर्चा करती हैं जिनमें सीमा संबंधी विवाद, सुरक्षा, सड़क, परिवहन, उद्योग, पानी, बिजली, वन और पर्यावरण के साथ आवास, शिक्षा, खाद्य सुरक्षा, पर्यटन और परिवहन जैसे विषय शामिल हैं।

देश में पांच क्षेत्रीय परिषदें हैं जिनकी शुरुआत 1957 में राज्य पुनर्गठन अधिनियम, 1956 की धारा 15-22 के तहत की गई थी। केंद्रीय गृह मंत्री इन क्षेत्रीय परिषदों में से प्रत्येक के अध्यक्ष होते हैं और मेजबान राज्य के मुख्यमंत्री (हर साल रोटेशन द्वारा चुने जाने वाले) उपाध्यक्ष होते हैं। प्रत्येक राज्य के दो और मंत्रियों को राज्यपाल द्वारा सदस्यों के रूप में नामित किया जाता है।

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Anita Choudhary is a freelance journalist. Writing articles for many organizations both in Hindi and English on different political and social issues

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