केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह ने कहा कि सभी का सहयोग, सभी का कल्याण और समान लाभ वितरण तीन प्रमुख सिद्धांत हैं जो सहकारी क्षेत्र का आधार होने चाहिए। इनके बिना, इच्छित लक्ष्यों को प्राप्त करना मुश्किल होगा। गृह मंत्री नेशनल फेडरेशन ऑफ स्टेट को-ऑपरेटिव बैंक्स लिमिटेड (नैफस्कॉब) के हीरक जयंती समारोह को संबोधित कर रहे थे।
शाह ने इस बात पर जोर दिया कि प्राथमिक कृषि ऋण समितियां (पीएसीएस) राज्य और जिला सहकारी बैंकों की नींव रखती हैं। उन्होंने कहा कि जब तक पैक्स को कम्प्यूटरीकृत व प्रशासनिक रूप से कुशल नहीं बनाया जाता, तब तक जिला और राज्य सहकारी बैंक प्रभावी ढंग से काम नहीं कर सकते। इसलिए यदि जिला और राज्य सहकारी बैंकों को मजबूत बनाये रखना है, तो हमें सुनिश्चित करना होगा कि पैक्स को मजबूत बनाया जाये।
इसके साथ ही शाह ने कहा कि सहकारिता मंत्रालय की स्थापना के बाद सरकार ने लगभग सभी पैक्स को कंप्युटराइज कर दिया है। उन्होंने कहा कि यह सॉफ्टवेयर संबंधित राज्य की भाषा में काम करता है और आठ भाषाओं में उपलब्ध है। पैक्स अब जिला और राज्य सहकारी बैंकों के साथ-साथ राष्ट्रीय कृषि और ग्रामीण विकास बैंक (नाबार्ड) से भी जुड़ गए हैं।
शाह ने कुछ पैक्स और सहकारी बैंकों में सहकारिता की भावना में कमी पर चिंता भी जताई। उन्होंने कहा, यह चिंता का विषय है। सहकारिता के मूल्य को मजबूत किया जाना चाहिए। गांव के सभी मुद्दों को पैक्स से संबंधित होना चाहिए, जिला स्तर पर जिला सहकारी बैंक इनका निपटारा करें।