कोरोना कर्फ्यू के बीच बलिया जिले के विभिन्न गंगा घाटों पर शुक्रवार को अक्षय तृतीया और मुंडन संस्कार को लेकर भारी भीड़ रही। कई जगह तो जाम लगने से लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ा। घाटों पर उमड़ी भीड़ के बीच सोशल डिस्टेंसिंग भी पूरी तरह ध्वस्त रहा। बता दें कि बलिया के विभिन्न गंगा घाटों के किनारे से कई गाजीपुर और बक्सर की तरह कई शव बरामद हुए थे।
रामगढ़ के हल्दी थाना क्षेत्र के गंगा नदी के पचरुखिया और हुकुम छपरा गंगा घाट से लगायत अन्य गंगा घाटों पर शुक्रवार की सुबह से ही अक्षय तृतीया स्नान और मुंडन संस्कार करने वालों का रेला उमड़ पड़ा। इसके चलते, गंगा घाटों पर भीड़ लग गई। घाटों पर भीड़ देखकर मौके पर पहुंचे हल्दी थानाध्यक्ष मनोज कुमार सिंह और चौकी इंचार्ज रामगढ़ वीरेंद्र प्रताप दुबे को गंगा घाटों से भीड़ हटाने के लिए हल्का बल का भी प्रयोग करना पड़ा।
वहीं, मुंडन संस्कार करने वालों ने अपने वाहनों को राष्ट्रीय राजमार्ग 31 पर बेतरतीब ढंग से खड़ा कर दिया। पचरुखिया से लेकर रामगढ़ तक सड़कों के दोनों तरफ वाहनों की लंबी कतारें लग गई और जाम लग गया। जाम को हटाने में पुलिस को पसीने बहाने पड़े और मशक्कत के बाद दोपहर 12 बजे के बाद यातायात पूरी तरह सामान्य हो सका।
बताया जाता है कि शुक्रवार की भोर से ही गंगा नदी के हुकुम छपरा से लगायत घाटों पर मुंडन संस्कार करने वालों की भीड़ इकट्ठा होने लगे। कुछ ही देर में गंगा नदी के पचरुखिया, मझौवा, गंगापुर, चौबे छपरा, श्रीनगर, गोपालपुर सहित अन्य घाटों पर भीड़ हो गई।
दयाल छपरा क्षेत्र के नौरंगा गंगा घाट पर शुक्रवार को मुंडन संस्कार के लिए उमड़ी भीड़ ने कोरोना गाइड लाइन की जमकर धज्जियां उड़ार्ईं। मुंडन संस्कार में कहीं भी सोशल डिस्टेंस नहीं दिखाई दी। घाट पर बिना मॉस्क के ही अधिकांश लोग रहे जो एक दूसरे से सटकर स्नान के साथ ही खड़े रहे। घाट पर पुलिस प्रशासन का भी कोई पता नहीं था।