तेहरान/वॉशिंगटन, 22 जून 2025, रविवार: मध्य पूर्व में तनाव की आग और भड़क उठी है, क्योंकि अमेरिका ने ईरान के तीन अंडरग्राउंड परमाणु ठिकानों को नेस्तनाबूद कर दिया है। इस सर्जिकल स्ट्राइक ने ईरान-इजराइल के बीच पहले से सुलग रही जंग को और खतरनाक मोड़ दे दिया है। खुद अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘ट्रुथ’ पर इस हमले की पुष्टि करते हुए दुनिया को चौंका दिया।
B-2 बॉम्बर का कहर, 30 टन बमों की बरसात
अमेरिका ने अपने सबसे घातक हथियार, B-2 स्टील्थ बॉम्बर को इस मिशन में उतारा। छह बमवर्षक विमानों ने फोर्डो, नतांज और इस्फहान के परमाणु ठिकानों को निशाना बनाया। खासकर फोर्डो पर 30 टन विस्फोटकों की बारिश की गई, जो जमीन में 60 मीटर तक गहराई में छिपे ठिकानों को भी भेदने में सक्षम थे। B-2 बॉम्बर की खासियत है कि यह रडार की नजरों से बचकर 11,000 किमी तक उड़ान भर सकता है और रिफ्यूलिंग के बाद 19,000 किमी तक मार कर सकता है। इसकी 18 टन वॉरहेड क्षमता और 12 किमी की ऊंचाई से हमला करने की ताकत इसे ‘एटमी सर्वनाश’ का पर्याय बनाती है।
400 मील दूर से टॉमहॉक मिसाइलों का प्रहार
हमले में अमेरिका ने 30 टॉमहॉक क्रूज मिसाइलें भी दागीं, जो 400 मील दूर तैनात पनडुब्बियों से लॉन्च की गईं। ये मिसाइलें अपनी 2,400 किमी की मारक क्षमता और 885 किमी प्रति घंटे की रफ्तार के लिए जानी जाती हैं। नतांज और इस्फहान पर इन मिसाइलों ने सटीक निशाने लगाए, जबकि फोर्डो पर बमों का पूरा पेलोड गिराया गया।
ट्रंप की दो टूक: शांति या त्रासदी, ईरान करे फैसला
हमले के बाद प्रेस कॉन्फ्रेंस में ट्रंप ने ईरान को सख्त चेतावनी दी। उन्होंने कहा, “हमने ईरान के तीन परमाणु ठिकानों को पूरी तरह तबाह कर दिया। अगर ईरान अब भी नहीं रुका, तो और हमले होंगे। हमारे निशाने पर अभी कई टारगेट बाकी हैं।” साथ ही उन्होंने शांति की अपील करते हुए कहा, “ईरान के पास अब दो रास्ते हैं- शांति या त्रासदी।”
दुनिया सांस थामे, क्या होगा अगला कदम?
इस हमले ने वैश्विक समुदाय को सकते में डाल दिया है। ईरान की ओर से अभी कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं आई, लेकिन विशेषज्ञों का मानना है कि यह हमला क्षेत्रीय युद्ध को और भड़का सकता है। क्या ईरान जवाबी कार्रवाई करेगा, या ट्रंप की चेतावनी के आगे झुकेगा? फिलहाल, दुनिया की निगाहें मध्य पूर्व पर टिकी हैं, जहां हर पल एक नया मोड़ सामने आ सकता है।